निहंगों की पुलिस को खुली धमकी, कहा- अब और कोई सरेंडर नहीं करेगा, प्रेशर डाला तो चारों साथियों को छुड़ा लेंगे

सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर दलित लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या मामले (Dalit Lakhbir Singh Murder Case) में पुलिस ने आरोपी दो निहंगों (Nihang) को गिरफ्तार किया था। जबकि शनिवार रात दो निहंगों भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत सिंह ने सरेंडर कर दिया था। इसके बाद निहंगों ने खुली धमकी दी है कि अब वह अपने किसी और साथी का सरेंडर नहीं करवाएंगे। अगर किसी और निहंग को गिरफ्तार करने की बात की तो वह अपने उन चारों साथियों को भी छुड़वा लाएंगे, जो हत्या के मामले में जेल में बंद हैं।

सोनीपत। सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर 2 दिन पहले दलित लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या (Dalit Lakhbir Singh Murder Case) के बाद भी निहंगों के तेवरों में नरमी नहीं है। उन्होंने अब दो टूक कहा है कि वे चार साथियों का सरेंडर करवा चुके हैं। अब और किसी की गिरफ्तारी (arrest) नहीं होने देंगे। उन्होंने ये चेतावनी भी दी है कि अगर अब भी पुलिस ने दबाव बनाने की कोशिश की तो वे उन साथियों को भी छुड़वा लेंगे, जो जेल में हैं। 

निहंगों ने शनिवार रात (16 अक्टूबर) को दो निहंग सिखों के सरेंडर करने के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान यह चेतावनी दी। बाबा राजाराम सिंह ने साफ कहा है कि उन्हें कानून हाथ में लेने को मजबूर किया गया। 2015 से श्रीगुरु ग्रंथ साहिबजी की बेअदबी की घटनाएं की जा रही थीं लेकिन सरकार और पुलिस ने उन्हें न्याय नहीं दिया। ऐसे में उन्हें अब यह काम करना पड़ा। उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती की भी आलोचना की और उन्हें दलितों के बजाय ब्राह्मणों की नेता बताया। अब दलितों से उसका कोई लेना-देना नहीं रहा। यह सब भाजपा के ही चट्टे-बट्टे हैं। बसपा महासचिव सतीश मिश्रा ब्राह्मण हैं और आज की तारीख में वो ही बसपा हैं। वहीं, बाबा अमनदीप ने भी खुली धमकी दी और कहा कि भविष्य में कोई गलत काम करेगा तो उसे इसी तरह का अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा। बाबा राम सिंह ने गुरु की बेअदबी के लिए शिरोमणि अकाली दल को भी जिम्मेदार ठहराया।

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कोर्ट ने तीन निहंगों को 6 दिन की रिमांड पर भेजा
सोनीपत पुलिस और सीआईए ने रविवार को तीन आरोपी निहंगों सरदार नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को लेकर कोर्ट पहुंची। यहां तीनों को सिविल जज की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से तीनों को 6 दिन की रिमांड पर भेज दिया। आरोपियों ने जज के सामने कबूल किया कि उन्होंने ही लखबीर सिंह की हत्या की है। नारायण सिंह ने कहा कि उन्होंने पैर काटा तो भगवंत सिंह और गोविंद सिंह ने उसे लटकाया था।

इस तरह घटनाक्रम रहा...
निहंग बाबा राजा राम सिंह ने कहा- 'प्रशासन अब हमसे और गिरफ्तारियां न मांगे। अगर पुलिस अधिकारियां ने किसी होर नू गिरफ्तार करण दी गल्ल कित्ती तां जेहड़े चार बंदे अंदर हैं, अस्सी ओहनां नूं वी बाहर कड्ढ ल्यावांगे।' इससे पहले शनिवार शाम को सिंघु बॉर्डर पर डेरा बनाकर बैठी सभी निहंग जत्थेबंदियों ने इस मसले पर बातचीत की। उसके बाद बाबा अमनदीप सिंह सरेंडर करने वाले दोनों निहंगों भगवंत सिंह और गोविंदप्रीत को लेकर बाबा राम सिंह के पास पहुंचे। यहां कुंडली थाने के इंचार्ज रवि कुमार आए और बाबा अमनदीप सिंह, बाबा राम सिंह और दूसरी निहंग जत्थेबंदियों के प्रमुखों से बात की। 

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भाजपा किसानों को कुचले तो ठीक, हम सजा दें तो सवाल क्यों?
बाबा राजाराम सिंह ने कहा कि अगर हमें 2015 से लेकर अब तक इंसाफ मिल जाता तो कानून हाथ में लेना ही नहीं पड़ता। जो करना पड़ा, वो हालात देखकर करना पड़ा। भाजपा किसानों को कुचल दे तो वह कानून के हिसाब से ठीक है और यदि हम कोई सजा दे दें तो उस पर कानून के सवाल उठते हैं। यह नहीं चलेगा।

ये है मामला
सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन स्थल के पास गुरुवार रात 3 बजे पंजाब के तरनतारन के गांव चीमा खुर्द के दलित लखबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। हत्या की जिम्मेदारी निहंगों ने ली थी। लखबीर पर धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी का आरोप था। निहंगों ने लखबीर का एक हाथ और एक पैर काट दिया था। उसकी एक हाथ की पांचों उंगलियां भी काटी थीं। इसके बाद 100 मीटर तक घसीटकर किसान मंच के सामने लाए और बैरिकेड पर जिंदा लटका दिया था। कुछ घंटे बाद लखबीर की तड़प-तड़पकर मौत हो गई थी। इस घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

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