भोपाल गैस कांड: मिथाइल आइसोसायनाइड ही नहीं हमारे लिए खतरनाक है ये 10 गैसें, जानें किन चीजों से निकालती है ये

भोपाल गैस कांड को आज 38 साल बीत चुके हैं। लेकिन आज भी वह दर्द भयावह है, जब जानलेवा मिथाइल आइसोसायनाइड गैस यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से लीक हो गई थी। लेकिन क्या आप जानते हैं सिर्फ मिथाइल आइसोसायनाइड ही नहीं अन्य गैस भी आपके लिए खतरनाक हो सकती हैं। आइए हम आपको बताते हैं।

हेल्थ डेस्क : 2 और 3 दिसंबर की दरमियानी रात शायद हम में से कई लोगों ने देखी नहीं होगी, लेकिन जब भी उस घटना के बारे में पढ़ा या सुना हमारे रोंगटे खड़े हो गए और जिन लोगों ने उस रात को देखा वह आज भी उसे भुला नहीं पाए। जब भोपाल में यूनियन कार्बाईड फैक्ट्री से 40 टन मिथाइल आइसोसायनाइड गैस लीक हो गई। हजारों लाखों लोग इस गैस के प्रभाव में आ गए और कईयों की जिंदगी चली गई और कई लोग आज भी गैस के दुष्प्रभाव से जूझ रहे हैं। लेकिन वातावरण के लिए सिर्फ मिथाइल आइसोसायनाइड ही नहीं बल्कि कई ऐसी गैस भी हैं जो हमारे लिए आज भी मुसीबत का सबब बन रही है। आइए हम आपको बताते हैं वह कौन सी गैस है और कहां से निकलती है, जो हमारे श्वसन तंत्र को नुकसान पहुंचा रही है...

सल्फर डाइऑक्साइड 
सल्फर डाइऑक्साइड यानी कि so2 एक बहुत ही जानलेवा गैस है, जो कोयला, पेट्रोलियम और दूसरे ईंधन के जलने के बाद पैदा होती है, इससे  फेफड़े से संबंधित बीमारियां हो सकती है।

Latest Videos

कार्बन मोनोऑक्साइड 
पर्यावरण के लिए कार्बन मोनोऑक्साइड एक जहरीली गैस है, जो इंसान की जिंदगी पर भी असर डालती है। यह गैस बॉयलर, स्टोव या फ्यूल से चलने वाले उपकरणों से निकलती है।

कार्बन डाइऑक्साइड 
कार्बन ऑक्साइड एक सामान्य गैस है जो हमारे आस पास हमेशा रहती है। इंसान पेड़ पौधे दोनों सांस लेने की प्रक्रिया में इसका इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा पावर प्लांट और इंजन से भी ये गैस निकलती है। ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के पीछे इसका बहुत बड़ा हाथ है।

नाइट्रोजन ऑक्साइड 
नाइट्रोजन ऑक्साइड एसिड रेन, ओजोन और स्मोक पैदा करती है। यह ग्रीनहाउस गैस पर भी इफेक्ट करती है, जो ग्लोबल वार्मिंग का कारण है। यह गैस वातावरण में तब फैलती है जब नाइट्रोजन ऑक्सीजन मिलकर रिएक्ट करते हैं।

अस्थिर कार्बन यौगिक 
अस्थिर कार्बन के यौगिक पेंट, मोम वार्निश आदि चीजों में पाए जाते हैं, जो हमारे लिए हानिकारक होते हैं। यह हमारे श्वसन तंत्र और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।

पार्टिकुलेट
वातावरण में सबसे ज्यादा मौजूदगी पार्टिकुलेट की होती है। यह गैस नहीं है लेकिन 10 माइक्रोंस तक के छोटे कण इसमें होते जो वायु प्रदूषण पैदा करते हैं। इसमें ट्रैफिक का धुआं, अंडर कंस्ट्रक्शन बिल्डिंग से निकलने वाले छोटे कण शामिल होते हैं।

क्लोरोफ्लोरोकार्बन 
क्लोरोफ्लोरोकार्बन गैस रेफ्रिजरेटर और दूसरे घरेलू स्प्रे में इस्तेमाल होता है। यह ओजोन परत को नुकसान पहुंचाती है।

असंतुलित हाइड्रोकार्बन 
कार्बन और हाइड्रोजन जब जलते हैं तो कार्बन डाइऑक्साइड और पानी में बदल जाते हैं, लेकिन जो पूरी तरह से जल नहीं पाते तो कार्बन मोनोऑक्साइड पैदा करते हैं, जो स्मॉग बनाता है।

टाई ऑक्सीजन (ओजोन) 
टाई ऑक्सीजन को सामान्य भाषा में ओजोन कहा जाता है। सूरज से आने वाली बैंगनी अल्ट्रावायलेट किरणों से यह धरती के ऊपर मौजूद ओजोन परत की रक्षा करती है। लेकिन धरती पर यह जहरीली हो जाती है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

लेड और भारी मेटल 
ठोस मेटल और द्रव्य पदार्थों को जब जलाया जाता है तो वातावरण में धुएं और राख में मौजूद लेड और भारी मेटल के छोटे-छोटे कर फैल जाते हैं, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं।

और पढ़ें: ट्रैफिक की जहरीली हवा में ले रहे हैं सांस, तो हो जाएं सावधान! कई लॉन्ग टर्म बीमारियों के हो सकते हैं शिकार

भोपाल गैस कांड की देखिए वो तस्वीरें, जिन्हें देख याद आ जाएगा वो भयावह मंजर, कैसे लाशों का लग गया था अंबार

Share this article
click me!

Latest Videos

ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News