ये 7 दवाइयां आपके सेक्स ड्राइव को कर सकती है कम, एक तो बना सकती है नपुसंक

कई स्टडी से पता चलता है कि कुछ दवाएं आपकी सेक्स ड्राइव को कम कर सकती हैं। इनसे बचकर आप अपनी सेक्स ड्राइव को ठीक रख सकते हैं। हम आपको बताते हैं वो सात दवाइयां जिनका सेवन नहीं करना चाहिए। 

हेल्थ डेस्क. जैसे-जैसे हम टैबू से बाहर निकलते हैं वैसे-वैसे सेक्स के बारे में खुलकर बातचीत करने लगते हैं। सेक्स ड्राइव या कामेच्छा एक असाधारण यौन अनुभव से जुड़ा है। पुरुष हो या फिर महिला दोनों में सेक्स को लेकर धीरे-धीरे इच्छा कम होने की संभावना होती है। इसकी वजह कई हो सकती है। कुछ आंतरिक और कुछ बाहरी कारक भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। जिसमें से कुछ वजह तो नुस्खे या दवाई भी होते हैं। चलिए बताते हैं उन दवाइयों के बारे में जिसके सेवन करने से सेक्स ड्राइव कम होती है। जिससे आपको बचना चाहिए।

1. पेन किलर: पेन किलर दवाइयां आपकी यौन इच्छा पर प्रभाव डाल सकती हैं। पेन किलर दवाइयों को पुरुषों और महिलाओं दोनों में यौन इच्छा को बढ़ाने वाले टेस्टोस्टेरोन और हार्मोन को कम करने के लिए जाना जाता है।

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2.एंटीडिप्रेसेंट:ये दवाएं (Antidepressants) अवसाद  का इलाज करती हैं और इन्हें कामेच्छा के किलर के रूप में जाना जाता है। सेक्स में रूचि की कमी, रस्खलन या फिर  विलंबित स्खलन एंटीडिप्रेसेंट की वजह से होते हैं। ये पुरुषों में नपुंसकता भी पैदा कर सकते हैं।

3.बर्थ कंट्रोल पिल्स:जब महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं, तो वे सेक्स हार्मोन के स्तर को कम करती हैं जो उनकी यौन इच्छा को प्रभावित करती हैं। यह मददगार होगा यदि स्वस्थ यौन जीवन के लिए इन गोलियों खुद से दूर रखें।

4.स्टैटिन और फाइब्रेट्स: इसका उपयोग उच्च कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए किया जाता है। लेकिन यह टेस्टोस्टेरोन, एस्ट्रोजन और अन्य सेक्स हार्मोन के प्रोडक्शन को भी प्रभावित कर सकती है। शोध के अनुसार इन दवाओं के उपयोग से लिंग दोष का कारण बन सकते हैं।

5.बेंजोडायजेपाइन (Benzodiazepines): इसका उपयोग चिंता, अनिद्रा और मांसपेशियों के ऐठन का इलाज में होता है। लेकिन ये दवाई यौन रुचि, उत्तेजना और संवेदना को प्रभावित करते हैं। ये टेस्टोस्टेरोन लेवल को भी प्रभावित करते हैं।

6.रक्तचाप की दवाएं (Blood Pressure Medications): हाई ब्लड प्रेशर वाली दवाएं भी यौन रोग की वजह बन सके हैं। पुरुषों में इन दवाओं के उपयोग से यौन इच्छा कम हो जाती है। इरेक्शन प्रभावित होता है। वहीं महिलाओं में योनि में सूखापन, कम इच्छा और ऑर्गेज्म होने में समस्या पैदा कर सकता है।

7.एंटीहिस्टामाइन (Antihistamines): इसका उपयोग एलर्जी से संबंधित लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, जैसे कि लगातार छींकना और नाक बहना। इनसे पुरुषों में इरेक्टाइल डिसफंक्शन या स्खलन की समस्या जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जबकि महिलाओं को योनि के सूखेपन का सामना करना पड़ता है।

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