डेंगू-चिकनगुनिया का अब होगा सफाया,भारतीय वैज्ञानिकों ने की अनोखी खोज

मानसून आते ही डेंगू और चिकनगुनिया का डर सताने लगता है। बारिश के जमा पानी में डेंगू के मच्छर ज्यादा पनपते हैं और वो इंसानी जिंदगी को अपना निशाना बनाते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने इससे बचने का तरीका खोज लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Jul 7, 2022 8:21 AM IST / Updated: Jul 07 2022, 01:59 PM IST

हेल्थ डेस्क. बारिश का मौसम अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है। जिसमें सबसे ज्यादा मच्छर जनित बीमारी होती है। डेंगू (dengue) और चिकनगुनिया (chikungunya)खतरा बढ़ जाता है। इसे बचने के लिए लोगों को सलाह दी जाती है कि घर पर पानी न जमने दें। साफ-सफाई पर ध्यान दें। मच्छरदानी लगाकर सोए। लेकिन बचाव के बीच भी बरसात के मौसम में अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों की भीड़ लगी रहती हैं। कई लोग तो अपनी जान भी इस बीमारी की वजह से गंवा देते हैं। लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों ने इससे बचने के लिए एक खास तरीका खोज लिया है। जो इस डेंगू के मच्छर का असर कम कर देगा। चलिए जानते हैं इस नए खोज के बारे में।

वैज्ञानिकों ने तैयार किया खास किस्म का मच्छर

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पुडुचेरी स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर (VCRC) ने मिलकर एक खोज किया है। ये अनोखी खोज एक मादा मच्छर है। इस मच्छर को वैज्ञानिकों ने तैयार किया है। दरअसल, वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मच्छर विकसित किया है जो  एक खास बैक्टीरिया से संक्रमित हैं। ये मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के संक्रमण को रोकेंगे। 

एडीज  एजिप्टी मच्छरों को बैक्टीरिया से संक्रमित किया गया है

दरअसल, वैज्ञानिको ने एडीज  एजिप्टी मच्छरों जो डेंगू जैसी बीमारियों को फैलाते हैं उन्हें  वोल्बाचिया बैक्टीरिया की दो प्रजातियों (डब्ल्यू-एमईएल और डब्ल्यू-एएलबीबी) से संक्रमित किया गया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि ये बैक्टीरिया मच्छरों की हर कोशिकाओं में अपना घर बना लेते हैं। इसके बाद यह डेंगू जैसे वायरस पर हावी हो जाते हैं। उन्हें कंट्रोल कर लेते हैं। रिसर्च के दौरान पाया गया कि जो मच्छर इन बैक्टीरिया से संक्रमित थे वो डेंगू फैलाने में सक्षम नहीं थे। यानी डेंगू का प्रभाव कम हो गया था।

संक्रमित मच्छरों से कैसे लिया जाएगा काम

वैज्ञानिकों द्वारा बनाया गया मादा मच्छरों को छोड़ा जाएगा जो नर मच्छरों के संपर्क में आकर ऐसा लार्वा पैदा करेंगे जिसमें डेंगू वायरस होंगे ही नहीं। धीरे-धीरे डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का खात्मा हो जाएगा और ऐसे मच्छर फिर होंगे जो इस तरह की बीमारी नहीं फैला सकते हैं।डॉ अश्विनी ने बताया कि खास मादा मच्छर और अंडे तैयार किए गये हैं। उन्हें कभी भी छोड़ा जा सकता है। लांकि अभी इस एक्सपेरिमेंट का प्रैक्टिकल यूज के लिए सरकार से मंजूरी मिलना बाकी है। 

डेंगू के क्या होते हैं लक्षण

डेंगू एक खतरनाक बीमारी है। इसमें प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है। सही वक्त पर इलाज नहीं मिलने से जान भी जा सकती है। डेंगू होने पर बुखार, शरीर में तेज दर्द, उल्टी और बेचैनी जैसे लक्षण दिखते हैं। 

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