लंबे समय तक ली एसिडिटी की दवा तो हो सकता है किडनी को नुकसान

एसिडिटी की समस्या से कमोबेश हर आदमी परेशान रहता है। इसे कोई गंभीर बीमारी नहीं माना जाता। एसिटिडी या गैस की समस्या होने पर कोई भी एंटासिड ले लेता है। एंटासिड को अब तक काफी सुरक्षित दवाई माना जाता था, लेकिन पता चला है कि लंबे समय तक इनके सेवन से किडनी को नुकसान पहुंचता है। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 7, 2019 2:54 AM IST

हेल्थ डेस्क। एसिडिटी की समस्या से कमोबेश हर आदमी परेशान रहता है। इसे कोई गंभीर बीमारी नहीं माना जाता। एसिटिडी या गैस की समस्या होने पर कोई भी एंटासिड ले लेता है। एंटासिड को अब तक काफी सुरक्षित दवाई माना जाता था, लेकिन पता चला है कि लंबे समय तक इनके सेवन से किडनी को नुकसान पहुंचता है। इन दवाइयों को लेकर हुई एक स्टडी से यह बात सामने आई है कि एसिडिटी की समस्या से बचने के लिए जिन टैबलेट्स का यूज किया जाता है, उनसे किडनी की बीमारियां हो सकती हैं। इससे किडनी डैमेज, एक्यूट किडनी डिजीज, क्रॉनिक किडनी डिजीज और गैस्ट्रिक कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। 

दवाइयों के रैपर पर लिखनी होगी चेतावनी
इन दवाइयों के किडनी पर होने वाले खराब असर को देखते हुए भारत के ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ने मंगलवार को एक निर्देश जारी कर दवा निर्माताओं से दवाइयों के रैपर पर यह चेतावनी लिखने को कहा है कि इनका लंबे समय तक सेवन हानिकारक हो सकता है। यह चेतावनी पैकेट के अंदर भी लिखनी होगी। बता दें कि इन दवाइयों का बाजार पर कब्जा है और ये दवाइयां बिना प्रिस्क्रिप्शन के धड़ल्ले से बेची जाती हैं। 

Latest Videos

डॉक्टर भी प्रिस्काइब करते हैं यही दवाइयां 
बता दें कि प्रोटॉन पंप इनहेबिटर (PPI) दवाइयां डॉक्टर भी प्रिस्क्राइब करते हैं, क्योंकि इनसे गैस की समस्या से तुरंत राहत मिलती है और अब तक इन्हें सुरक्षित माना जाता था। ये दुनिया की 10 सबसे ज्यादा प्रिस्क्राइब की जाने वाली मेडिसिन्स में हैं। इनमें पैंटोप्राजोल, ओमेप्राजोल, लांसोप्राजोल, एसोमप्राजोल जैसी दवाइयां शामिल हैं। उन दवाइयों के साथ भी इन्हें दिया जाता है, जिनके इस्तेमाल से एसिडिटी बढ़ने की संभावना होती है। इन दवाइयों का बाजार 4, 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का है।

20 साल पहले शुरू हुआ इनका इस्तेमाल
एसिडिटी से बचाव के लिए पीपीआई दवाइयों का इस्तेमाल करीब 20 साल पहले हुआ। इसके पहले दूसरी दवाइयां दी जाती थीं। लेकिन इन्हें ज्यादा असरदार माना गया। अब रिसर्च में इसके दुष्प्रभाव सामने आने पर इसके इस्तेमाल को लेकर चेतावनी दी गई है। यह रिसर्च अमेरिका में नेफ्रोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रदीप अरोड़ा ने किया है, जो नेफ्रोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। 

Share this article
click me!

Latest Videos

शर्म नहीं आती, बाहर आओ...जबरदस्त एक्शन में IAS टीना डाबी-वीडियो वायरल
हरियाणा में सीएम योगी ने क्यों की जहन्नुम की बात, देखें वीडियो
दिल का दौरा पड़ते ही करें 6 काम, बच जाएगी पेशेंट की जान #Shorts
एक थी महालक्ष्मी! फ्रिज से शुरू हुई कहानी पेड़ पर जाकर हुई खत्म, कागज के पर्चे में मिला 'कबूलनामा'
मुख्यमंत्री आतिशी ने भरा महिला कार्यकर्ता का कान और वो टूट पड़ी, BJP ने शेयर किया वीडियो