बेडरूम का रोमांस हो रहा कम, सेक्सुअल लाइफ पर पड़ रहा असर, जानें क्या इसका चौंकाने वाला कारण

कोरोना वायरस ने दुनिया भर के लोगों को अंदर से कमजोर कर दिया है। ये किलर वायरस शरीर छोड़ने से पहले कई तरह की बीमारी देकर जा रही है। जिसमें बालों का झड़ना और यौन स्वास्थ्य से भी जुड़ी समस्याएं हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jul 27, 2022 10:48 AM IST / Updated: Jul 27 2022, 05:26 PM IST

हेल्थ डेस्क. एक नए अध्ययन में सामने आया है कि लंबे समय तक कोरोना (कोविड संक्रमण के बाद लगातार लक्षण) से पीड़ित पहले की तुलना में ज्यादा कमजोर हुए हैं।उनकी दैनिक गतिविधिया, लाइफ क्वालिटी और काम करने की क्षमता पर बहुत असर पड़ा है। बता दें कि कोरोना के मामले फिर से तेजी से सामने आने लगे हैं। 

नेचर मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी में कोविड संक्रमण से जुड़े लक्षणों में एनोस्मिया, सांस की तकलीफ, सीने में दर्द और बुखार शामिल हैं। लेकिन इसमें कई और लक्षण भी शामिल हुए हैं जिसे पहले रिपोर्ट नहीं किया गया था। जैसे बालों का झड़ना और यौन रोग। लंबे समय तक कोरोना से पीड़ित लोगों के स्वास्थ्य पर इस तरह के प्रभाव देखे जा रहे हैं। उनकी सेक्सुअल लाइफ प्रभावित हुई है। पुरुष  स्तंभन दोष यानी इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile Dysfunction) के शिकार हो रहे हैं। वहीं महिलाओं में भी सेरोटोनिन और अन्य हार्मोन के स्राव पर असर डाला है जो कामेच्छा में कमी के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है।

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कोरोना के बाद कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित परेशानी आती है सामने

एक अध्ययन से पता चला है कि लंबे कोविड के लक्षण उनमें ज्यादा तौर पर देखा गया है जो इ्फ्लूएंजा जैसे अन्य वायरल संक्रमण वाले रोगी होते हैं।लंबे समय से कोरोनावायरस के प्रकोप के बाद के हफ्तों और महीनों में सबसे आम लक्षणों में गंध की कमी और सांस की तकलीफ शामिल हैं। सामान्य कोविड लक्षणों की एनएचएस सूची में थकान, चकत्ते और ब्रेन फॉग जैसे लक्षण भी शामिल हैं।

अब शोधकर्ता यह दिखाने में सक्षम हो गए हैं कि लंबे समय तक कोविड वाले लोग अक्सर "बेहद व्यापक" लक्षणों का अनुभव करते हैं, जिनमें कम ज्ञात दुष्प्रभाव जैसे भूलने की बीमारी है।

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दो साल से हो रहे हैं इसपर स्टडी

नेचर मेडिसिन में प्रकाशित शोध दो साल से अधिक समय पहले महामारी शुरू होने के बाद से कई मरीज़ अपने डॉक्टरों, परिवार, दोस्तों और सहकर्मियों को बार-बार बता रहे हैं।बर्मिंघम विश्वविद्यालय के अध्ययन से पता चलता है कि लक्षणों के पैटर्न को श्वसन लक्षणों, मानसिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक समस्याओं और फिर लक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला में वर्गीकृत किया गया है।

इन लोगों में कोरोना के लक्षण लंबे वक्त तक दिख सकते हैं

लक्षणों के व्यापक सेट को देखने के साथ-साथ, शोधकर्ताओं ने उन प्रमुख समूहों और व्यवहारों की भी पहचान की, जो लोगों को लंबे समय तक कोविड के विकास के जोखिम में डालते हैं। उन्होंने सुझाव  दिया कि महिलाओं, युवा , ब्लैक , मिश्रित या अन्य जातीय समूह के लोगों को लंबे समय तक कोविड रहने का खतरा है। इतना ही नहीं गरीबी में जीने वाले लोग, धूम्रपान करने वाले, अधिक वजन वाले लोगों में यह बीमारी ज्यादा दिनों तक रहने की आशंका होती है।

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इस अध्ययन से लोगों को ठीक करने में मिलेगी मदद 

शोधकर्ताओं ने कहा कि ये अवलोकन कारकों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेंगे ताकि जांच की जा सके कि संक्रमण के बाद इन लगातार लक्षणों का कारण क्या हो सकता है, और हम उन मरीजों की मदद कैसे कर सकते हैं जो उन्हें अनुभव कर रहे हैं।

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