New Research: माता-पिता को है depression की प्रॉब्लम, तो ये बच्चे की मेंटल हेल्थ के लिए हो सकता है घातक

एक नई रिसर्च के अनुसार, जो बच्चे ऐसे माता-पिता के साथ रहते हैं, जिन्हें डिप्रेशन है, उनमें अवसाद विकसित होने की संभावना अधिक होती है और वे पढ़ाई में ही आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 30, 2021 2:33 AM IST / Updated: Nov 30 2021, 08:04 AM IST

हेल्थ डेस्क : अवसाद या डिप्रेशन (depression) एक ऐसा मूड डिसऑर्डर है, जिससे इंसान को उदासी, नुकसान या ऐसे गुस्से के रूप में समझा जा सकता है, जिससे किसी इंसान की रोजमर्रा की गतिविधियों पर असर पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, ये डिप्रेशन आपके बच्चे के लिए भी घातक हो सकता है। जी हां, हाल ही में हुए रिसर्च के अनुसार जो बच्चे ऐसे माता-पिता (Parental depression) के साथ रहते हैं, जिन्हें डिप्रेशन है, उनमें भी डिप्रेशन होने की संभावना बढ़ जाती है और वे पढ़ाई में ही आगे नहीं बढ़ पाते हैं।

कहां हुई स्टडी
नए अध्ययन में, ब्रॉफी और उनके सहयोगियों ने वेल्स सरकार को वित्त पोषित बॉर्न इन वेल्स स्टडी के हिस्से के रूप में इकट्ठे किए गए सिक्योर एनोनिमाइज्ड इंफॉर्मेशन लिंकेज (सेल) डेटाबैंक के डेटा का इस्तेमाल किया। इसमें 1987 से 2018 तक वेल्स में पैदा हुए बच्चों के साथ-साथ उनकी माता और पिता या एक ही घर में रह रहे लोगों की जानकारी हासिल की और डिप्रेशन से जुड़े माता-पिता और बच्चे दोनों को डेटा सेल डेटाबैंक में सामान्य चिकित्सक के रिकॉर्ड से हासिल किया।
 
रिसर्च के अनुसार, कुल मिलाकर, 34.5 प्रतिशत माताओं और 18 प्रतिशत पिता/ पुरुषों में डिप्रेशन पाया गया। जिसके कारण सभी बच्चों में से 4.34 प्रतिशत, 2.85 प्रतिशत लड़के और 5.89 प्रतिशत लड़कियों में डिप्रेशन की प्रॉब्लम डेवलेप हुई। ऐसे बच्चों में अवसाद विकसित होने की संभावना अधिक थी, जिनकी मां को उनके जन्म से पहले अवसाद था (एचआर 1.32, 95 प्रतिशत सीआई 1.21-1.43), उनके जन्म के बाद (एचआर 2.00, 95 प्रतिशत सीआई 1.96-2.05), या दोनों उनके जन्म पहले और बाद में (एचआर 2.25, 95 प्रतिशत सीआई 2.15-2.35)। ये रिस्क और बढ़ जाता है, जब उनके पिता को उनके जन्म से पहले (एचआर 1.44, 95 प्रतिशत सीआई 1.18-1.74), उनके जन्म के बाद (एचआर 1.66, 95 प्रतिशत सीआई 1.58-1.74), या बच्चों के जन्म से पहले और बाद में (एचआर 1.47, 95 प्रतिशत सीआई 1.25-1.73) अवसाद था।

क्या कहती है रिसर्च 
ओपन-एक्सेस जर्नल 'प्लोस वन' में प्रकाशित हुई रिसर्च के अनुसार माओं में डिप्रेशन बच्चे के लिए ज्यादा घातक है और ये बच्चों को शैक्षणिक उपलब्धि सहित चाइल्ड हेल्थ डेवलेपमेंट को रोकता है। हालांकि, पैतृक अवसाद से जुड़े जोखिम कारकों की कम अच्छी तरह से जांच की गई है। 

लेखकों ने कहा: "जो बच्चे माता-पिता के साथ रहते हैं, जिनके पास अवसाद है, उनमें भी अवसाद विकसित होने की संभावना अधिक होती है और वे स्कूल में उतना अच्छा नहीं कर पाते हैं। यह लॉकडाउन और COVID के बाद और ज्यादा बढ़ा है, क्योंकि अवसाद भी संक्रामक है।"

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