दिल्ली-एनसीआर में हवा इतनी जहरीली हो गई है कि सांस लेना भी दुभर हो गया है। स्मॉग जहां फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रहा है, वहीं आंखों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। आंखों से पानी आना, सूखापन और धुंधलापन जैसी समस्या हो सकती है। आइए जानते हैं इससे कैसे बचें।
हेल्थ डेस्क.दिल्ली-एनसीआर के करोड़ों लोग जहरीली हवा में जीने को मजबूर हैं। गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन का सामना लोग कर रहे हैं। स्मॉग सांस के जरिए फेफड़ों यहां तक की आंखों तक पहुंच रहा है। स्मॉग के शिकार बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाएं ज्यादा हो रही हैं। डॉक्टर स्मॉग से लोगों को बचने की सलाह देते हैं। गर्भवती महिला, बच्चे और बुजुर्ग को घर से बाहर निकलने के लिए मना किया जाता है। इसके साथ जो लोग बाहर निकल रहे हैं उन्हें मास्क और चश्मा पहने की सलाह दी जा रही है।
दरअसल, स्मॉग हमारे सेंसेटिव आंखों को बुरी तरह नुकसान पहुंचा रहा है। कार्बन के कण हमारी आंखों में जा रहे हैं जो आइज हेल्थ के लिए खतरनाक है। अगर आंखों में समस्या आ रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है। चलिए बताते हैं कब डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है-
आंखों में लालिमा होना
आंखों में लगातार जलन रहना
आंखों से लगातार पानी बहना
आंखों में खूजली और सूजन का होना
आंख खोलने में दिक्कत
आंखों में किरकिरापन का महसूस करना
आंखों में सूखापन आना
आंखों से धुंधला दिखना इन तमाम लक्षणों के दिखने के बाद तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
खुली आंखों से बाहर निकलने से बचें
स्मॉग में कार्बन के कण तैरते हैं जो सांस के जरिए फेफड़े और आंखों में पहुंच रहे हैं। इसलिए जब भी बाहर निकले तो अच्छी क्वालिटी के चश्मे और मास्क जरूर लगाकर निकलें। आंखों पर हाथ ना लगाए। गंदे कपड़े से आंखों को मत पोछिए। कार्यस्थल पर जाने के बाद आंखों को अच्छी तरह से साफ पानी से धोएं। इसके अलावा घर में एयर प्यूरिफायर इस्तेमाल कर सकते हैं।
पानी पीने से ना करें कोताही
पानी शरीर से गंदी चीजों को बाहर निकालता है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब पानी अधिक पीते हैं तो बॉडी से टॉक्सींस निकलता है। ये कई रोगों से बचाता है। इतना ही नहीं यह आंखों को ड्राई होने से भी बचाता है। इसलिए खूब पानी पिएं।
कैसे बनता है स्मॉग
वातावरण की नमी यानी कोहरे में जब वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला खतरनाक धुआं और गैस मिलता है तो स्मॉग बनता है।स्मॉग नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, ओजोन गैस, धुआं और अन्य कणों से बना होता है। जो हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं।
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