The Lancet journal की चौंकाने वाली स्टडी: स्मोकिंग-शराब, अनसेफ सेक्स ने दुनियाभर में कैंसर को बढ़ाया

Published : Aug 19, 2022, 07:08 AM ISTUpdated : Aug 19, 2022, 07:09 AM IST
The Lancet journal की चौंकाने वाली स्टडी: स्मोकिंग-शराब, अनसेफ सेक्स ने दुनियाभर में कैंसर को बढ़ाया

सार

 द लैंसेट जर्नल(The Lancet journal) में शुक्रवार को पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, धूम्रपान, शराब का सेवन, हाई बॉडी मास इंडेक्स (BMI-हाइट और वजन का अनुपात) और कुछ अन्य रिस्क फैक्टर्स दुनियाभर में 2019 में लगभग 4.45 मिलियन लोगों की कैंसर से मौतों के लिए जिम्मेदार थे। 

वाशिंगटन. द लैंसेट जर्नल(The Lancet journal) में शुक्रवार को पब्लिश एक स्टडी के अनुसार, धूम्रपान, शराब का सेवन, हाई बॉडी मास इंडेक्स (BMI-हाइट और वजन का अनुपात) और कुछ अन्य रिस्क फैक्टर्स दुनियाभर में 2019 में लगभग 4.45 मिलियन लोगों की कैंसर से मौतों के लिए जिम्मेदार थे। यह स्टडी रिसर्चर्स और पॉलिसीमेकर्स को मुख्य रिस्क फैक्टर्स की पहचान करने में मदद कर सकती है। इससे क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर कैंसर से होने वाली मौतों और खराब स्वास्थ्य को कम करने के प्रयासों में सहायता मिलेगी। बता दें कि बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बॉडी फैट नापने का कैलकुलेटर है, जो किसी शख्स की हाइट और उसके वेट के आधार पर नापते हैं।

तेजी से बढ़ रहा दुनियाभर में कैंसर
अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME)  के डायरेक्टर क्रिस्टोफर मरे(Christopher Murray) ने कहा, "यह अध्ययन बताता है कि कैंसर का बोझ एक महत्वपूर्ण पब्लिक हेल्थ चैलेंज है, जो दुनिया भर में बढ़ रहा है।"

स्टडी के को सीनियर ऑथर मरे ने कहा, "धूम्रपान कैंसर के लिए ग्लोबली प्रमुख रिस्क फैक्टर बना हुआ है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज, इंजरी एंड रिस्क फैक्टर्स (GBD) 2019 के अध्ययन के रिजल्ट का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने जांच में पाया कि कैसे 34 व्यवहारिक, मेटाबोलिक, पर्यावरणीय और व्यावसायिक रिस्क फैक्टर्स 2019 में 23 प्रकार के कैंसर से होने वाली मौतों और खराब हेल्थ की वजह बने। इन रिस्क फैक्टर्स के कारण 2010 और 2019 के बीच कैंसर का तुलनात्मक अध्ययन भी किया गया।

तम्बाकू सबसे बड़ा रिस्क फैक्टर
स्टडी से पत चला कि तंबाकू, शराब का उपयोग, अनसेफ सेक्स और आहार संबंधी रिस्क जैसे फैक्टर्स वैश्विक स्तर पर कैंसर के भारी बोझ के लिए जिम्मेदार थे। 2019 में 3.7 मिलियन मौतों और 87.8 मिलियन कैंसर के लिए जिम्मेदार थीं। अध्ययन से पता चलता है कि महिलाओं में 1.58 मिलियन मौतों (सभी महिला कैंसर से होने वाली मौतों का 36.3 प्रतिशत) की तुलना में पुरुषों में लगभग 2.88 मिलियन मौतों (सभी पुरुष कैंसर से होने वाली मौतों का 50.6 प्रतिशत) को अध्ययन किए गए रिस्क फैक्टर्स के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।

वैश्विक स्तर पर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए कैंसर से होने वाली मौत का प्रमुख कारण श्वासनली( tracheal), ब्रोन्कस( bronchus) और फेफड़ों( lung cancer) का कैंसर था। यह इन रिस्क फैक्टर्स के कारण कैंसर से होने वाली मौतों का 36.9 प्रतिशत था। इसके बाद कोलन और रेक्टम कैंसर (13.3 प्रतिशत), ओसोफेगल कैंसर (9.7 प्रतिशत), और पुरुषों में पेट का कैंसर (6.6 प्रतिशत), और सर्वाइकल कैंसर (17.9 प्रतिशत), कोलन और रेक्टम कैंसर (15.8 प्रतिशत) और महिलाओं में स्तन कैंसर (11 प्रतिशत) था। इन रिस्क फैक्टर्स के कारण सबसे बड़ी कैंसर मृत्यु दर वाले पांच क्षेत्रों में मध्य यूरोप (प्रति 100,000 जनसंख्या पर 82 मौतें), पूर्वी एशिया (प्रति 100,000 में 69.8), उच्च आय वाले उत्तरी अमेरिका (प्रति 100,000 में 66.0), दक्षिणी लैटिन अमेरिका (64.2 प्रति 100,000 जनसंख्या) और पश्चिमी यूरोप (63.8 प्रति 100,000) हैं।

शोधकर्ताओं के अनुसार, 2010 और 2019 के बीच, जोखिम कारकों के कारण कैंसर से होने वाली मौतों में वैश्विक स्तर पर 20.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 3.7 मिलियन से बढ़कर 4.45 मिलियन हो गई। उन्होंने कहा कि इसी अवधि में कैंसर के कारण हेल्थ खराब होने में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो 89.9 मिलियन से बढ़कर 105 मिलियन DALY(Disability-adjusted life year-विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष) हो गई। कैंसर से होने वाली मौतों और खराब स्वास्थ्य में मेटाबोलिक जोखिमों में सबसे अधिक प्रतिशत वृद्धि हुई है, जिसमें मौतों में 34.7 प्रतिशत और डीएएलवाई में 33.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 

यह भी पढ़ें
अपने वजन से 3 गुना ज्यादा खून पी सकता है.. जानिए किन्हें ज्यादा काटता है मच्छर, ये ब्लड ग्रुप वाले रहें अलर्ट
राजू श्रीवास्तव का ब्रेन डेड, हार्ट नहीं कर रहा काम, जानें क्या होता है Brain dead

 

PREV

Recommended Stories

Iron Rich Soup for Winter: पालक और गाजर-बीटरूट सूप के फायदे, सर्दियों में दूर रहेगी बीमारी
2026 में AI Doctor की एंट्री: अब बिना पैसे मिलेगी हेल्थ गाइडेंस, ऐसे रहें फिट