नई रिसर्च में दावा- हफ्ते में दो बार खाते हैं एवोकैडो तो कम हो जाएगी हार्ट से जुड़ी बीमारी

एवोकैडो में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बहुत कम होती है। रिसर्च के अनुसार, इसमें करीब तीन ग्राम तक फाइबर होता है। जिस कारण से इसे खाने से कई तरह की बीमारियों के जोखिम कम हो जाता है। 

Pawan Tiwari | Published : Apr 2, 2022 1:21 PM IST

हेल्थ डेस्क. अगर आप हफ्ते में दो बार एवोकैडो (avocado)  खाते हैं तो आपको हॉर्ट रोग (heart disease) का खतरा कम हो सकता है। यह जानकारी एक रिसर्च में सामने आई है। यह रिसर्च की गई है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के द्वारा। 30 साल की रिसर्च में 110,000 से अधिक हेल्थ वर्करों ने पाया गया कि जिन कैंडिडेट्स ने एक सप्ताह में कम से कम दो बार एवोकाडो का खाया उनमें उन लोगों की तुलना में हृदय रोग का जोखिम कम था जिन्होंने शायद कभी एवोकाडो नहीं खाया।

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रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों ने वसायुक्त एवोकाडो खाया  है वो लोग लंब समय तक संतुष्ट महसूस करते थे। साइंस डेली की रिपोर्ट के अनुसार,डेयरी प्रोडेक्ट जैसे मक्खन, पनीर या बेकन को एवोकैडो के साथ बदलने से हृदय रोग की घटनाओं के जोखिम कम हो सकते हैं। इस रिसर्च को जर्नल ऑफ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में 1 अप्रैल को पब्लिश किया गया है। 

एवोकैडो हेल्थ के लिए फायदमेंद क्यों?
एवोकैडो में फाइबर, वसा विशेष रूप से मोनोअनसैचुरेटेड वसा और अन्य अनुकूल घटक पाए जाते हैं। जो हेल्दी हार्ट के लिए जरूरी होते हैं। क्लिनिकल टेस्टिंग में पाया गया कि एवोकाडो का उच्च कोलेस्ट्रॉल सहित हार्ट संबंधी जोखिम वाले कारकों पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है। रिसर्च करने वालों के अनुसार, यह रिसर्च हार्ट रोग और स्ट्रोक के बीच पॉजिटिव हेल्प का समर्थन करता है।

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रिसर्च के प्रमुख लेखक लोरेना एस पाचेको के अनुसार, रिसर्च इस बात पर जोर देती है कि असंतृप्त वसा का सेवन भोजन की गुणवत्ता में सुधार करती है और हार्ट से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में फायदमेंद होती है। अमेरिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीते 20 सालों में अमेरिका में  एवोकैडो की खपत बढ़ी है। 

कैसे किया गया रिसर्च
यह रिसर्च 30 सालों तक हुई। रिसर्च के लिए 68,780 से अधिक महिलाओं जिमकी उम्र 30 से 55 साल थी उन्हें शामिल किया गया।
इस रिसर्च में 41,700 से अधिक पुरुष जिनकी उम्र 40 से 75 साल थी शामिल किए गए।
उन अमेरिकी नागरिकों को शामिल किया गया जो रिसर्च के समय कैंसर,  हृदय रोग और स्ट्रोक जैसी बीमारी से मुक्त थे।

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