वेट लॉस करके गठिया के दर्द से पा सकते हैं राहत , वजन कम करने के लिए करें ये 4 काम

Rheumatoid Arthritis  Treatment : गठिया के मरीजों को अक्सर वजन के साथ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। एक व्यक्ति जो अपने जोड़ों में सूजन, सॉफ्टनेस, अकड़न और दर्द का अनुभव करता है वो गठिया से पीड़ित है। ये तमाम लक्षण उसके ही होते हैं। अगर अच्छे से इसकी देखभाल नहीं किया जाए तो उम्र के साथ स्थिति और बिगड़ती जाती है।

Nitu Kumari | Published : Dec 9, 2022 6:21 AM IST / Updated: Dec 09 2022, 12:12 PM IST

हेल्थ डेस्क. दुनिया भर में ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) के मामले बढ़ रहे हैं। उम्र के साथ-साथ इसके लक्षण नजर आते हैं। इसके अलावा कुछ आनुवंशिक कारण भी जुड़े होते हैं। गठिया सबसे ज्यादा उन्हें प्रभावित करता है जो लोग मोटापे के शिकार होते हैं। एक व्यक्ति जो मोटा हैं और ऑस्टियोआर्थराइटिस  का शिकार है उसे जोड़ों में दर्द ज्यादा होता है। रुमेटीइड गठिया (rheumatoid arthritis) तब होता है जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर के उत्तकों पर हमला शुरू कर देती है। इसमें सूजन और असहनीय दर्द होता है। 

डॉक्टर की मानें तो मोटापा और वसा ऊतकों (adipose tissue) में बढ़ोतरी शरीर में फैट सेल साइटोकिन्स या प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स नामक कुछ केमिकल प्रोड्यूज करते हैं जो शारीरिक गतिविधियों को बाधित करते हैं। मोटापे से ग्रस्त लोगों में जोड़ों से जुड़ी अधिक समस्याएं पैदा होती हैं।साइटोकिन्स प्रोटीन होते हैं जो जोड़ों में सूजन को बढ़ाते हैं। रुमेटीइड गठिया रोगी जितना अधिक मोटा होता है, शरीर में IL6 और अन्य साइटोकिन्स के अधिक स्तर होंगे। इससे जोड़ों में अतिरिक्त सूजन और अधिक क्षति के साथ समस्या होगी।

मोटे गठिया पेशेंट के इलाज में आती है मुश्किल

मोटापा एक औ समस्या उन लोगों के लिए बनती है जो गठिया के रोगी हैं। उनके इलाज में जो दवाएं दी जाती हैं वो मोटे लोगों के लीवर पर असर डालता है। दरअसल, मोटापे से ग्रस्त लोगों का लीवर काम करना बंद कर देता है। उपर से गठिया के दवाओं का उपयोग करना मुश्किल हो जाता है जो इसके ऊपर अच्छी तरह काम कर सकता है। मोटे लोगों के लिए लीवर एक आधारभूत समस्या है। इसलिए गठिया के इलाज में अच्छे परिणाम लाने के लिए मोटापे को नियंत्रित करना बेहद जरूरी है।

कैसे गठिया रोगी वजन कम कर सकते हैं?

एरोबिक एक्टिविटी करें

गठिया मरीज को वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज और डाइट पर फोकस करना होता है। एक मोटा गठिया पेशेंट को दौड़ने या जॉगिंग या साइकिल चलाने की सलाह नहीं दी जानी चाहिए। इससे जोड़ों में तनाव और दर्द बढ़ेगा। वे कुछ एरोबिक एक्टिविटी कर सकते हैं। जो उनके वजन को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है। 

तैराकी या फिर धीमी गति से चलें

इसके अलावा उन्हें धीमी गति से चलने या तेज चलने की सलाह दी जाती है। वो इनडोर तैराकी या  क्रॉस-ट्रेनिंग अभ्यास  कर सकते हैं। वो गर्म पानी के पूल में एक्टिविटी कर सकते हैं। 

वेट लिफ्टिंग करें 

इसके अलावा शरीर के ऊपर के हिस्सों को कम करने के लिए वेट लिफ्टिंग कर सकते हैं। वे 2 से 3 किलों का डंबल उठाकर एक्सरसाइज कर सकेत हैं।

कम कैलोरी और फैट वाला भोजन लें

डाइट में उन्हें कम वसा और कम कैलोरी वाला भोजन शामिल करना चाहिए। प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए। लाल मांस से बचना चाहिए। इसके अलावा वो ओमेगा 3 फैटी एसिड से भरपूर कुछ प्रकार की मछलियों को भोजन में शामिल कर सकते हैं। वो सूजन रोधी होते हैं। फल और सब्जियों के अलावा जैतून का तेल उपयोग कर सकते हैं। जैतून का तेल वजन घटाने के साथ-साथ गठिया के दर्द में भी राहत पहुंचाते हैं।

वजन कम करने से दर्द में मिलेगी राहत

डॉक्टर की मानें तो गठिया मरीज को वजन कम करने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। अधिकांश लोग व्यायाम शुरू करने से हिचकते हैं। चिकित्सकों और परिवार के सदस्यों से बहुत अधिक प्रेरणा और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। यदि कोई रोगी अपने शरीर के वजन का 5-10 प्रतिशत कम करने में सफल होता है, तो दर्द की मात्रा में 20-30 प्रतिशत की कमी होगी जो कि 3-4 महीने की शुरुआत में हो सकती है।

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