9 बार बच्चा खोने के बाद महिला को पैदा हुआ 'चमत्कारी बेटा', अब करती है वो इनके लिए काम

Published : Sep 23, 2022, 04:16 PM IST
9 बार बच्चा खोने के बाद महिला को पैदा हुआ 'चमत्कारी बेटा', अब करती है वो इनके लिए काम

सार

41 साल की महिला अक्सर ये सोचती थी कि आखिर मेरे साथ क्या गलत है जो हर बार अपने बच्चे को खो दे रही हूं। 9 बार बच्चा खोने के बाद उनकी जिंदगी में एक चमत्कारी बच्चा आया जो बहुत कुछ बदल कर रख दिया।

हेल्थ डेस्क. पामेला और उनके पति इयान ने मान लिया था कि उन्हें संतान सुख नहीं मिलने वाला है। वो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट से गुजरे आईवीएफ का सहारा लिया। लेकिन पामेला जब प्रेग्नेंट होती तब मिसकैरेज हो जाता। प्रेग्नेंसी पांच से छह हफ्ते भी नहीं टिक पाता था। जिसके बाद उन्होंने संतान की उम्मीद खो दी थी। लेकिन 44 साल की उम्र में वो एक बच्चे के माता-पिता बनें। 

9 बच्चे के खोने के बाद पैदा हुआ 'चमत्कारी बच्चा'

साल 2018 में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में रहने वाले कपल ने आईवीएफ के लिए प्राग जाने का फैसला किया। वहां पामेला आईवीएफ के जरिए प्रेग्नेंट हुई। 9 महीने बाद उनकी जिंदगी में चमत्कार हुआ। एक बेहद ही खूबसूरत बच्चा उनकी गोद में आ गया। पैट्रिक तीन साल का हो चुका है। उसके आने से कपल की जिंदगी ही बदल गई।

बच्चा होने के बाद पामेला करने लगी ये काम

बच्चा होने के बाद पामेला को एक मकसद मिल गया। वो उन कपल के लिए प्रेरणा बनने का काम कर रही हैं जो बच्चे को लेकर ट्रीटमेंट करा रहे हैं और हाथ निराश लग रही है। पामेला इंटरनेशनल फर्टिलिटी कंपनी  में बतौर वॉलेटियर काम कर रही हैं। यह कंपनी विदेशों और यूके में फर्टिलिटी ट्रीटमेंट को तलाशने वाले लोगों की मदद करता है। वो बच्चे के लिए संघर्ष कर रहे लोगों में उम्मीद भरता है और सहायता पहुंचाता है।

बार-बार मिसकैरेज होने पर आत्मविश्वास खोने लगता है

बार-बार मिसकैरेज से गुजरने वाली पामेला कहती हैं कि ये बस वैसा ही एहसास देता है जब आप मौत को महसूस करती हो।ऐसा लगता है कि आप एक बुरे सपने में जी रहे हैं और आपकी मदद करने वाला कोई नहीं होता है। आप खुद से पूछते हैं मेरे साथ क्या गलत है और आप एक महिला की तरह कम महसूस करने लगती हैं।

खुद के बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत

पामेला कहती हैं कि ऐसे में खुद पर रिसर्च करने की जरूरत होती है। इसके लिए पर्याप्त जागरूता या मदद की जरूरत नहीं होती है बल्कि खुद पर जब आप काम करने लगते हैं तो मदद मिलने लगती है। वो बताती हैं कि कुछ प्रेग्नेंसी में वो अस्पताल तक पहुंच ही नहीं पाई। वो पहले ही चले गए। लेकिन कुछ प्रेग्नेंसी पांच से छह हफ्ते तक चली। एक बार जब मैं छह विक की प्रेग्नेंट थी तो मुझे एडवाइज की पेशकश की गई थी। लेकिन मैं इसे नहीं मानी। यह बहुत अच्छा होता जब मैं इसे मान लेती।

कपल को देती हैं पामेला उम्मीद

वो बताती हैं कि ऐसी स्थिति में यदि कोई शख्स आपके पास आए आपसे बातचीत करे। यहां तक कि एक कमरें में आप उसके साथ बैठे और रोएं। वो लोग जो मेरी तरह सिचुएशन से गुजर रही हैं उन्हें अपनी उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। उन्हें खुश होना चाहिए कि वो गर्भधारण तो कर रही हैं। अच्छी ट्रीटमेंट के साथ वो मां भी बन सकती हैं।पामेला ऐसी महिलाओं से बात करती हैं और उन्हें उम्मीद देती हैं कि वो भी मां बन सकती हैं।

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