आत्महत्या करने वालों में पहले ही दिख जाता है ये 5 लक्षण, वक्त रहते पहचाने और अपनों को बचाएं

World Suicide Prevention Day: दुनिया भर में हर साल 7 लाख  ज्यादा लोग आत्महत्या करते हैं।वहीं, इससे कई गुना ज्यादा लोग सुसाइड की कोशिश करते हैं। हम अपनों को बचा सकते हैं अगर वक्त रहते उन लक्षणों को पहचान लें जो सुसाइड करने से पहले उनमें दिखते हैं।

Nitu Kumari | Published : Sep 9, 2022 7:45 AM IST / Updated: Sep 09 2022, 09:27 PM IST

हेल्थ डेस्क. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (World Suicide Prevention Day 2022) हर साल 10 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के पीछे की वजह सुसाइड को रोकना है। लोगों को जीवन से प्यार करना सिखाना है। दुनिया भर में हर साल 7 लाख से  ज्यादा लोग सुसाइड कर लेते हैं। डिप्रेशन, लाचारी और जीवन में कुछ नहीं कर पाने की हताशा के चलते वो सुसाइड करते हैं। इसके अलावा कई मेडिकल कारण भी होते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानें तो युवा सबसे ज्यादा सुसाइड करते हैं। 15-19 साल के युवाओं के बीच मौत की चौथी सबसे बड़ी वजह सुसाइड है। 

हालांकि किसी व्यक्ति के अंदर चल रहे सुसाइड के विचार को रोकना मुश्किल हैं। लेकिन सही वक्त पर उनमें चल रहे ऐसे विचार को पकड़ना जरूरी है ताकि उन्हें सुसाइड करने से रोका जा सके। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति में कुछ लक्षण पहले ही दिखाई देने लगते हैं।चलिए बताते हैं वो पांच लक्षण जिसे गौर करें और अपनों की जान बचाएं-

1. उदास रहने लगना

अमेरिका के ओहियो स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार अवसाद ग्रस्त व्यक्ति काफी उदास रहता है। 
आपके साथ होते हुए भी वो आपके बीच नहीं होता है। उसकी मुस्कुराहट बता देती है कि वो अंदर से उदास हैं। दरअसल उसके अंदर आत्महत्या की सोच पैदा हो जाती है। अगर आप इस लक्षण को नोटिस कर लेते हैं तो उससे बात कीजिए। उसके दर्द को जानिए और उससे बाहर निकलने में मदद कीजिए। हो सके तो उसे तन्हा मत छोड़िए। अगर वो आपका दोस्त हैं और आपको लगता है कि वो गलत कदम उठा सकता है तो उसके परिवार को इसके बारे में बताइए।

2. लोगों से दूरी बना लेना

डिप्रेशन पीड़ित व्यक्ति लोगों के बीच नहीं रहना चाहता है। वो तन्हाई में रहना चाहता है। जब कोई दोस्त उसे मिलने या पार्टी में बुलाते हैं तो वो टाल देता है। समाजिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेता। ये भी सुसाइड के लक्षणों में से एक लक्षण होता है। अगर आपके परिवार का कोई व्यक्ति या दोस्त जो पहले समाजिक गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेता था और जीवन का आनंद उठाता था। अगर अचानक वो सबकुछ करना बंद कर दे तो उससे बात कीजिए। उसकी समस्या जानिए और जीवन के प्रति पॉजिटिव रहने के लिए प्रेरित कीजिए। उसे काउंसलर के पास लेकर जाइए। लेकिन तन्हा मत छोड़िए।

3. अचानक शांत हो जाना

हंसता-खेलता, मजाक करता इंसान अगर शांत हो जाए। किसी से बात नहीं करें तो ये भी एक लक्षण होता है कि उसके अंदर सुसाइड का ख्याल चल रहा है। उससे बात करके उसे सही रास्ता  दिखाएं। बता कि जिंदगी कितनी खूबसूरत है, जिस दौर में वो अभी है वो गुजर जाएगा। लेकिन अगर जिंदगी चली गई तो वो वापस नहीं मिलेगी। 

4. व्यक्तित्व में बदलाव

अवसाद ग्रस्त लोगों के स्वभाव में परिवर्तन आने लगता है। बोलने का ढंग बदल जाता है। वो निराशावादी बात करने लगता है। चाल में परिवर्तन आ जाता। नींद भी कम हो जाती है। उसमें बेचैनी दिखने लगती है। 

5 .आत्महत्या की धमकी देना

जिस शख्स के अंदर आत्महत्या का ख्याल पनप रहा होता है वो काफी निर्भिक हो जाता है। जैसे तेज गाड़ी चलाना,शराब पीना, ड्रग्स लेना, असुरक्षित यौन संबंध बनाना, कुछ भी खा लेने वाला लक्षण दिखता है। वो आत्महत्या की बातें भी करने लगते हैं। अगर कोई करीबी में इस तरह के लक्षण दिखें तो उसे पकड़कर बात करें। उसे आगे बढ़ने की सलाह दें, काउंसलर के पास लेकर जाएं।

आत्महत्या का विचार क्यों आता है

मनोचिकित्सक की मानें तो आत्महत्या का विचार प्राकृतिक नहीं होता है। बल्कि दिमाग में बायो न्यूरोलॉजिकल बदलाव के चलते लोगों के अंदर जीवन के प्रति निराशा पैदा हो जाता है। उन्हें लगता है कि जीवन किसी काम का नहीं हैं। इसलिए आत्महत्या का विचार आता है। 

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