1971 की लड़ाई में पाकिस्तान के 6 फाइटर प्लेनों से एक साथ भिड़ गये थे निर्मलजीत सिंह सेखों

फाइटर पायलट निर्मलजीत सिंह सेखों 1971 की लड़ाई के दौरान श्रीनगर एयरबेस पर हमला करने आए 6 पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों से अकेले भिड़ गए थे। उन्होंने एक विमान को नष्ट कर दिया था और बाकी को खदेड़ दिया था। 

नई दिल्ली। भारत को आजाद हुए 75 साल हो गए। आजादी के बाद देश ने कई चुनौतियों का सामना किया। चीन और पाकिस्तान से कई जंग हुए। इन लड़ाइयों में भारतीय सेना के वीर सपूतों ने अदम्य साहस का परिचय दिया। आज हम ऐसे ही वीर योद्धा फाइटर पायलट निर्मलजीत सिंह सेखों के बारे में बता रहे हैं। 

“चिड़ियां नाल मैं बाज लड़ावां, सवा लाख से एक लड़ावां तां गोविंद सिंह नाम धरावां” सिखों की इस कहावत को फ्लाइंग ऑफिसर निर्मलजीत सिंह ने उस समय सही कर दिया जब वे दुश्मन देश के 6 फाइटर प्लेनों से एक साथ भिड़ गये थे। निर्मलजीत सिंह सेखों एयरफोर्स के इकलौते ऐसे जवान हैं जिन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। उनको यह सर्वोच्च सम्मान उनके मरणोपरांत दिया गया।
 
निर्मलजीत सिंह के पिता का नाम फ्लाइट लेफ्टिनेंट तारलोक सिंह सेखों था। निर्मलजीत सिंह का बचपन भारतीय सेना के अधिकारियों के बीच बीता था। जिस कारण निर्मल सिंह भी भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे।  निर्मलजीत का जन्म 17 जुलाई 1945 को लुधियाना में हुआ था। वो 4 जून 1967 को पायलट अधिकारी के रूप में भारतीय वायुसेना में शामिल हुए थे।

Latest Videos

1971 की लड़ाई में योगदान
पाकिस्तान के मंसूबों को नाकाम करने के लिए भारतीय एयरफोर्स ने हमला बोल दिया था। फ्लाइंग ऑफिसर सेखों एयरफोर्स की 18वीं स्क्वाड्रन द फ्लाइंग बुलेट्स के लिए श्रीनगर एयरबेस पर तैनात थे। एयरफील्ड पर पाकिस्तानी वायुसेना के 6 सेबर जेट F-86 ने हमला कर दिया था। वे लगातार बम गिरा रहे थे। इसके बाद सेखों ने अपने एयरक्राफ्ट से उड़ान भरी और उन 6 सेबर जेट से अकेले भिड़ गए। उन्होंने एक एयरक्राफ्ट को निशाना बनाया और उसको बर्बाद कर दिया।  

वह दुश्मनों के विमानों को बर्बाद करते हुए आगे बढ़ रहे थे। तभी पाकिस्तान के 4 और एयरक्राफ्ट मदद के लिए आ गए। इसके बाद भी सेखों रुके नहीं और उन जेट्स पर हमला कर उनको पीछे खदेड़ दिया। इस लड़ाई में उनका विमान भी क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन उन्होंने पाक सेना को परास्त कर दिया था। सेखों ने अंतिम समय में अपने विमान से निकलने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए। उनका विमान एक खाई में  गिर गया, लेकिन सेखों के पार्थिक शरीर का कोई पता नहीं चला। फ्लाइंग ऑफिसर सेखों ने जिस बहादुरी से दुश्मनों की सेना से लोहा लिया था उसे देखकर पाकिस्तान एयरफोर्स के पायलट भी मुरीद हो गए थे। 

सर्वोच्च सम्मान मिला
उनकी इस बहादुरी के लिए 1972 में उन्हें मरणोपरांत सेना के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। वो भारतीय एयरफोर्स के ऐसे एकमात्र जवान हैं जिन्हे परमवीर चक्र दिया गया था। इसके साथ ही भारत सरकार ने 50वें गणतंत्र दिवस में उनकी याद में डाक टिकट भी जारी किया था।

Share this article
click me!

Latest Videos

महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद BJP कार्यालय पहुंचे PM Modi । Maharashtra Election Result
'चुनाव में उस वक्त ही हार गई थी भाजपा जब...' फिर चर्चा में आई यूपी उपचुनाव की एक घटना #Shorts
'भविष्य बर्बाद न करो बेटा' सड़क पर उतरे SP, खुद संभाला मोर्चा #Shorts #Sambhal
महाराष्ट्र में महायुति की ऐतिहासिक जीत के साथ महा विकास अघाड़ी को लगा है एक और जबरदस्त झटका
Sambhal Jama Masjid: संभल में क्या है जामा मस्जिद सर्वे से जुड़ा विवाद? 10 प्वाइंट में समझें सबकुछ