मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने क्यों की गिरिडीह में चल रहे अभियान की तारीफ, जानिए पूरी बात

झारखंड में सांप सीढ़ी के खेल की मदद से कुपोषण के बारे में दी जा रही जानकारी के तरीके की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की है। यहां चलाई जा रही इस अनूठी पहल का अपने कार्यक्रम मन की बात के 92 वें एपीसोड में की है।

Sanjay Chaturvedi | Published : Aug 29, 2022 11:35 AM IST

गिरीडीह (झारखंड). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपनी संस्कृति और जल संरक्षण जैसे मुद्दों पर बात की। मगर इस बार उनके मन की बात कार्यक्रम गिरिडीह के लिए खास रहा। प्रधानमंत्री ने कुपोषण को रोकने के लिए जिले में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की तारीफ कर गिरिडीह को लोगों का मान बढ़ा दिया। उन्होंने कहा देश को कुपोषण से मुक्त कराने के लिए कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें से एक धनबाद के गिरिडीह जिले में देश को कुपोषण से मुक्त करने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। अभियान के माध्यम से बच्चों को कुपोषण मुक्त करने की कोशिश की जा रही है। कुपोषण से बचाव के लिए सांप सीढ़ी की खेल को माध्यम बनाकर गिरिडीह जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और महिलाओं को लूडो के खेल सांप सीडी के जरिए कुपोषण के प्रति जागरूक फैलाई जा रही है। यह तारीफ के काबिल है। साथ ही उन्होंने इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की और इससे प्रेरणा लेने को भी कहा। 

जिला समाज कल्याण विभाग चला रहा अभियान
पीएम मोदी ने कहा, मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि आप आने वाले पोषण माह में कुपोषण को दूर करने के प्रयासों में हिस्सा जरूर लें। कुपोषण की समस्या का निराकरण इन कदमों तक ही सीमित नहीं है। इस लड़ाई में, दूसरी कई और पहल की भी अहम भूमिका है। इधर बता दें कि जिले में जिला समाज कल्याण विभाग के द्वारा यह अभियान चलाया जा रहा है। जिले के नक्सल प्रभावित पीरटांड़ के मधुबन में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र सिंहपुर नर्सरी स्कूल में सेविका व सहायिका बच्चों को खेल -खेल के जरिये कुपोषण की जानकारी दे रही है। 

पीएम ने लोगों को इससे प्रेरणा लेने की बात कही
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात के 92 वें एपिसोड में, गिरिडीह जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में चल रहे कुपोषण मुक्त के अनूठे अभियान की प्रशंसा की इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को कुपोषण से बचाने के लिए सांप सीढ़ी के खेल को एक रोचक माध्यम बनाया जा सकता है। साथ ही इसके जरिए काफी लोगों को कुपोषण के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। जो एक सराहनीय कार्य है। औरों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। पीएम के संबोधन से गिरिडीह के कर्मियों में उत्साह बढ़ गया है।

क्या है आंगनबाड़ी का सांप सीढ़ी खेल
गिरिडीह के समाज कल्याण अधिकारी अल्का हेंब्रम बताती है कि यह योजना यूनिसेफ की है, जो वर्ष 2000 में ही लागू हुई थी। पर इसे लागू नहीं किया गया था। जब मैं यहां आई तो इसको लागू किया हेंब्रम कहती है कि, इस लूडो में सांप सीढ़ी का ही खेल है बस इसमें जहां सांप काटता है, वह लिखा होता है कि आपकी किस गलती की वजह से सांप ने काटा है। इसलिए इससे बचने की कोशिश कीजिए। उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि खिलाड़ी लूडो के दासबोध की संख्या नंबर 19 पर पहुंचे तो सांप ने काट लिया, यहां बताया गया है कि खुले में शौच ना करें, 28 पर गए तो यहां बताया गया है कि बच्चों का समय पर ऊंचाई बबजन नहीं बढ़ने के कारण सांप ने काटा है। इसी तरह से जागरूक किया गया है। साथ ही अल्पना हेंब्रम ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि पीएम ने हमारे इस अभियान की सराहना की। इससे आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इस खेल के तरीके को लेकर उत्साह बढ़ेगा। साथ ही कुपोषण को लेकर लोगों को जागरूक करने में सहयोग मिलेगा।

यह भी पढ़े- राजस्थान में सनसनीखेज वारदात, अजमेर शहर में डेथ चैंबर को देख सहम गया पूरा जिला, जाने पूरा मामला

Share this article
click me!