झारखंड के इन स्कूलों में रविवार की बजाय शुक्रवार को छुट्टी, क्यों बदला सरकारी नियम...जानिए क्या है पूरा मामला

जामताड़ा के 100 से अधिक स्कूलों में शुक्रवार को रहती है छुट्‌टी, समुदाय विशेष की आबादी अधिक होने कारण खुद से बनाया नियम। इस नियम का कांग्रेस विधायक ने किया सपोर्ट तो वहीं झामुमो के शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को किया तलब।

Sanjay Chaturvedi | Published : Jul 10, 2022 12:30 PM IST / Updated: Jul 10 2022, 06:55 PM IST

जामताड़ा (jamtara). झारखंड में एक बार फिर एक साथ मिलकर सरकार चलाने वाली दो पार्टियों के नेता आमने-सामने दिखे। दरअसल  जामताड़ा के स्कूलों में शुक्रवार को छुट्‌टी देने के मामले में शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महातो ने रविवार की शाम अपने आवास पर बैठक बुलाई है। इसमें जामताड़ा जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी और ब्लाक लेवल के अधिकारियों को भी तलब किया है। बैठक में सभी अधिकारियों को उन स्कूलों से जुड़ी रिपोर्ट लेकर हाजिर होने को कहा गया है। वहीं जामताड़ा से विधायक इरफान अंसारी ने इसका समर्थन करते हुए अपने ही सरकार पर सवाल उठाया है। वैसे ये पहली बार नहीं है तब इरफान अंसरी अपने सरकार के फैसलों और कार्यो को चुनौती देते नजर आ रहे है। 

100 से ज्यादा स्कूल बंद रहते है, शुक्रवार के दिन

बता दें जामताड़ा में लगभग 100 सरकारी स्कूल ऐसे हैं, जहां मुस्लिम आबादी बढ़ते ही साप्ताहिक अवकाश रविवार से बदलकर शुक्रवार कर दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि जुमे के दिन न तो स्टूडेंट्स आते हैं और न ही टीचर। स्कूल की दीवार पर भी शुक्रवार को जुमा लिखा गया है। इसके साथ ही शिक्षकों की मैन्यू बुक  में भी शुक्रवार को अवकाश डला हुआ है। इसी मामले पर एक्शन लेते हुए शिक्षा मंत्री ने बैठक बुलाई है। उन इलाकों में स्थानीय लोगों ने स्कूलों में अपने मुताबिक छुट्टी का दिन तय कर लिया गया है। ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक और शिक्षकों पर दबाव बनाकर रविवार की बजाय शुक्रवार जुम्मा की साप्ताहिक छुट्टी घोषित करवाई है। यह स्थिति उन इलाकों में है जिन स्कूलों में मुस्लिम बच्चों की संख्या ज्यादा है। अधिकतर स्कूल नारायणपुर, करमाटांड और जामताड़ा प्रखंड में अवस्थित हैं। सरकारी आंकडें के अनुसार जिले में करीब 1084 सरकारी स्कूल हैं।

कांग्रेस MLA इरफान अंसरी ने कही ये बात
झारखंड के जामताड़ा में 100 से अधिक स्कूलों में संडे की जगह फ्राइडे को छुट्टी का कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी ने समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि जहां पर पूरी तरह से अल्पसंख्यक बच्चे हैं वहां यह नियम पहले से चला रहा है। उर्दू स्कूलों में आज भी शुक्रवार को छुट्टी होती है। वहीं इसके बदले रविवार को पढ़ाई होती है। यह तो पहले से होता है तो इसमें मनमानी किस बात की है।' विधायक अंसारी ने कहा, 'शुक्रवार को इसलिए छुट्टी में मिलती है क्योंकि उस दिन बच्चे नमाज पढ़ते हैं। वहीं रविवार को उसके बदले स्कूल खुलता है ताकि उनकी पढ़ाई नहीं बाधित हो। आखिर यह क्यों नहीं पूछा जा रहा है कि मुस्लिम स्कूल संडे को क्यों नहीं बंद हो रहे हैं। जब दो दिन छुट्टी मिले तब सवाल उठाया जाना चाहिए। शिक्षा को धर्म से जोड़ा नहीं जाना चाहिए।'

इससे पहले गढ़वा में गढ़वा में स्टूडेंट्स को हाथ जोड़ने रोका
पिछले दिनों राज्य के गढ़वा में एक माध्यमिक विद्यालय में बिना हाथ जोड़े प्रार्थना किए जाने का मामला सुर्खियों में आया था। प्रिंसिपल का आरोप है कि स्थानीय लोगों के दबाव में यह सिलसिला पिछले 9 साल से चल रहा है। ग्रामीणों की जिद के आगे वे मजबूर हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से भी इसकी शिकायत की। मामला जब राज्य के शिक्षा मंत्री के पास पहुंचा तो उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को जांच का आदेश दिया।

आपको बता दे कि इससे पहले भी कांग्रेस एमएलए इरफान अंसारी ने कुछ दिन पहले ही प्रदेश के मुख्यमंंत्री हेमंत सोरेन को नदियों से रेत के अवैध खनन का वीडियों भेजकर कार्यवाही की मांग करते हुए दिखे थे। अब उन्होने स्कूल वाले मामले में भी झामुमों से अलग सुर में बात कर रहे है।

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