झारखंड में बजट सत्र के दौरान एक अजीब गरीब मामला देखने को मिला। क्योंकि यहां विधानसभा मुख्य द्वार पर अपनी ही हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ झामुमो और कांग्रेस के विधायक धरना पर बैठ गए।
रांची. झारखंड सरकार ने गुरुवार को आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट (Jharkhand Budget 2022) कर दिया है। जिसे प्रदेश के फाइनेंस मिनिस्टर रामेश्वर उरांव (Rameshwar Oraon) ने सदन के पटल पर 1 लाख 1 हजार 101 करोड़ का बजट पेश किया। बजट सत्र के दौरान एक अजीब गरीब मामला देखने को मिला। क्योंकि यहां विधानसभा मुख्य द्वार पर अपनी ही हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ झामुमो और कांग्रेस के विधायक धरना पर बैठ गए।
विधायकों ने सरकार के सामने रखी ये मांग
दरअसल, यह मामला उस वक्त सामने आया जब प्रदेश के फाइनेंस मिनिस्टर रामेश्वर उरांव बजट पेश करने जा रहे थे। लेकिन उससे पहले ही अपनी ही सरकार के खिलाफ झामुमो और कांग्रेस के विधायक धरना पर बैठ गए। दोनों पार्टियों के विधायकों की मांग थी कि अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति लागू हो। स्थानीय नीति लागू करने का समय सीमा तय हो।
इस विरोध में बीजेपी विधायकों ने दिया साथ
बता दें कि सरकार का विरोध करने विधानसभा में बैठे कांग्रेस और झामुमो विधायकों के साथ ही राज्य की मुख्य विपक्षी दल बीजेपी विधायकों ने भी उनके साथ बैठकर धरना दिया। इस दौरान बीजेपी विधायकों ने 'हत्यारी सरकार वापस जाओ, बालू पत्थर लुटेरी सरकार होश में आओ' का नारा लगाया। विपक्ष के नेता बिरंची नारायण ने कहा की मॉब लिंचिंग की घटना बढ़ रही हैं, खनिजों को लूट हो रही है। अपराध चरम पर बढ़ रहा है। यह सब सरकार के इशारे पर हो रहा है।
विरोध के दौरान पहन रखी थी खास तरह की टी-शर्ट
सरकार के खिलाफ विरोध करने वाले कांग्रेस और झामुमो विधायकों ने क ही रंग की खास तरह की टी-शर्ट पहनी हुई थी। जिस पर उन्होंने अपनी मांगों को लिखा हुआ था। प्रदर्शनकारी विधायक लॉबिन हेम्ब्रेम ने कहा कि हर हाल में अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीय नीति तय करना होगा। नहीं तो हम सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे।