देवघर रोप-वे हादसे पर झारखंड सरकार सख्त, हाईकोर्ट ने भी 26 अप्रैल तक मांगी जांच रिपोर्ट

करीब 45 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चला। मंगलवार को करीब सात घंटे तक बचाव कार्य के बाद सभी को सुरक्षित बचा लिया गया। इस हादसे में चार लोगों की मौत हुई है जबकि बाकी सभी लोग सही सलामत हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 12, 2022 9:34 AM IST

रांची : झारखंड (Jharkhand) के देवघर (Deoghar) में हुए रोप-वे हादसे में एक तरफ जहां हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren Government) सख्त दिखाई दे रही है तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट ने भी सरकार से रिपोर्ट मांग ली है। इस हादसे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्चतम न्यायालय ने जांच कराने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही अदालन ने राज्य सरकार से 26 अप्रैल तक जवाब भी तलब किया है। बता दें कि रविवार को हुए इस हादसे में 45 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 46 लोगों की जान बचाई गई है। जबकि चार लोगों की मौत हो गई है। 

हाईकोर्ट सख्त, तीखी टिप्पणी
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने देवघर में रोपवे हादसे पर राज्य सरकार से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या साल 2009 में हुई इसी तरह की गड़बड़ी से सरकार ने किसी तरह का सबक नहीं लिया। अगर लिया होता तो इस तरह की घटना दोबारा नहीं होती। कोर्ट में सरकार के महाधिवक्ता ने बताया कहा कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है।

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हादसा दुखद, लापरवाह बख्शे नहीं जाएंगे-सीएम

इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर के त्रिकूट पर्वत के रोपवे हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। किसी भी लापरवाह को बख्शा नहीं जाएगा। त्रिकूट पहाड़ पर हुई घटना और इसमें हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य किया गया। इस पूरे हादसे पर सरकार की नजर है। जल्द ही इस मामले में एक्शन लिया जाएगा।

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एजेंसी पर होगा एक्शन

वहीं, राज्य के पर्यटन मंत्री हफीजुल हसन ने कहा है कि यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। रोप-वे का संचालन कर रही दामोदर वैली कार्पोरेशन को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। हादसा कैसे हुआ, सैप कैसे टूटा, उसका मेंटेनेंस किस तरह हो रहा था, सभी बिंदुओं की जांच कराई जाएगी। भविष्य में ऐसी घटना न हो इसलिए यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक सड़क बनाई जाएगी। बता दें कि त्रिकुट पर्वत रोप-वे से झारखंड सरकार के खजाने में सालाना का 80 लाख से ज्यादा का राजस्व आता है। यह रोप-वे साल 2009 में बना था। तीन साल बाद 2012 में दामोदर वैली कार्पोरेशन को इसका जिम्मा दिया गया। वैसे तो हर पांच साल के बाद इसका री-टेंडर होता है लेकिन तभी से लगातार दामोदर वली कार्पोरेशन ही इसका संचालन कर रहा है। 

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