
रांची (झारखंड). राज्य सहित देशभर में साइबर क्राइम एक बड़ी समस्या है। आए दिन देशभर के लोग ठगे जा रहे हैं। इंटरनेट की इस दुनियां में पढ़े-लिखे लोग भी अलग-अलग तरीके से साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। आम लोगों की तो छोड़िए,अधिकारियों और जजों तक को ठग लिया जा रहा है। कभी पैसे जितने का लालच देकर, तो कभी हनी ट्रेप में फंसाकर, कभी डरा धमका कर लोगों के पैसों को उड़ाया जा रहा है। ऐसे में सबके सामने यह बहुत बड़ी चुनौति है कि इससे बचा कैसे जाए। इसे रोकने के लिए अब रांची यूनिवर्सिटी आगे आ गया है। बता दें आरयू में अब पहली बार साइबर सिक्युरिटी कोर्स की पढ़ाई होगी। इसकी शुरूआत राज्यपाल रमेश बैस और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति ने कर दिया है। इसका शुभारंभ आर्यभट्ट सभागार में किया गया। जानकारी के अनुसार, बेसिक साइंस कैंपस के फिजिक्स विभाग में इसे संचालित किया जाएगा।
जामताड़ा के साइबर हैकर्स को रोकेंगे रांची यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट
राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि राज्य के जामताड़ा में जब हैकिंग के लिए काम हो सकता है तो राजधानी के रांची यूनिवर्सिटी में उस क्राइम को रोकने का प्रयास क्यों नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया पूरी तरह से इंटरनेट पर निर्भर है। साइबर क्राइम भी खूब तेजी से बढ़ रहा है और इसे कम करने के लिए साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञों की मांग निरंतर बढ़ रही है। ऐसे में रांची विश्वविद्यालय द्वारा इस दिशा में ध्यान दिया जाना एक सराहनीय प्रयास है। सूचना प्रौद्योगिकी में आई क्रांति और सुरक्षा से जुड़े मामलों की निरंतर बढ़ती मांग को देखते हुए साइबर सुरक्षा की दिशा में गंभीरतापूर्वक सोचना आज के दौर में बहुत जरूरी है।
युवाओं को मिलेंगे रोजगार के अवसर
राज्यपाल ने कहा कि इस पाठ्यक्रम के शुरू होने से युवाओं को रोजगार का बेहतर अवसर मिलेगा, इसके अलावे साइबर क्राइम जैसे वैश्विक चुनौतियों पर नियंत्रण पर बल मिलेगा। लोगों को इस संदर्भ में जागरूक करने में भी अहम योगदान मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को इस मामले में सचेत होने की जरूरत है, जिससे हम अपने और अपने समाज को साइबर क्राइम से होने वाले नुकसान से बचा सकें।
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