प्रोफाइल पर लगाया झारखंड के चीफ जस्टिस का फोटो, फिर अधिकारी को भेजे मैसेज, ऐसे सामने आई हकीकत

जून में पाकुड़ के जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से डीसी की तस्वीर लगी फर्जी आईडी बनाकर लोगों से ठगी किए जाने की कोशिश करने का मामला सामने आया था। झारखंड में साइबर क्राइम का मामला तेजी से बढ़ रहा है। 

Pawan Tiwari | Published : Jul 24, 2022 9:34 AM IST

रांची. झारखंड में साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। आम से खास लोग इसके शिकार हो रहे हैं। कम पढ़े लिखे को तो छोड़िए पढ़े लिखे भी ठगों के झांसे में आ जाते हैं और उनका शिकार बनते है। हर दिन राज्य में अलग-अलग तरह के साइबर क्राइम के मामले सामने आते हैं। इसी क्रम में ठगों ने हाईकोर्ट में काम करने वाले सेंट्रल प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर राजीव कुमार को अपना शिकार बनाया और उनसे डेढ़ लाख रुपए ठग लिए। राजीव कुमार को ठगने के लिए बदमाशों ने नया तरीका अननाया। झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगाकर राजीव को झांसे में लिया और ठगी कर ली। मामले में रांची के डोरंडा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 

यह है मामला
प्राथमिकी के अनुसार, 19 जुलाई की शाम राजीव के ऑफिस के नंबर पर कॉल आया। जिसमें मुख्य न्यायाधीश की प्रोफाइल फोटो लगा था। इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त नंबर पर व्हाट्सएप कॉल किया, जिसे उठाया नहीं गया। उसके बाद तुरंत उसी नंबर से लगातार व्हाट्सएप संदेश आने लगे। जिसमें अपने आप को आवश्यक मीटिंग में काफी व्यस्त रहने और बाद में कॉल उठाने की बात कही गई। साथ ही उन्हें मैसेज भेज यह भी कहा गया कि वे व्यस्त हैं। फिर अमेजॉन पर 10000 रुपये के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का एक संदेश उन्हें मिला। इससे राजीव सिन्हा को लगा कि उक्त निर्देश मुख्य न्यायाधीश का है, इसलिए उन्होंने अमेजन पर दस हजार के 15 गिफ्ट कार्ड खरीदने का आर्डर किया। इसके लिए राजीव सिन्हा ने अपने एसबीआई बचत खाता से डेढ़ लाख रुपये इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से भुगतान भी कर दिया। भुगतान के बाद आए सभी 15 लिंक की सूचना उन्होंने उक्त नंबर के व्हाट्सएप पर भेज दी। 

Latest Videos

ट्रू-कॉलर पर नंबर चेक किया तो ठगी का पता चला
लिंक भेजन के बाद दोबारा उसी नंबर से दस हजार, दस  हजार  रूपये के 50 और गिफ्ट कार्ड खरीदने का अनुरोध उनके मोबाइल पर आया, तब  उन्हें शंका हुई। इसके बाद राजीव सिन्हा ने ट्रूकॉलर से उक्त नंबर को चेक किया, जिसमें उन्हें उक्त नंबर किसी और के नाम पर रजिस्टर्ड मिला। इसके बाद राजीव कुमार सिन्हा ने उक्त जानकारी एसएसपी रांची को दी। एसएसपी ने तुरंत साइबर सेल को एफआईआर की कॉपी देते हुए डोरंडा थाना में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। डोरंडा थाना में उक्त नंबर के विरुद्ध धोखाधड़ी की प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में भादवि की धारा 419, 420 और आईटी एक्ट 66 सी और 66 डी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

अफसरों के नाम पर लोगों को लगाया जा रहा चुना
साइबर अपराध के लिए देशभर में बदनाम झारखंड के ऑनलाइन चोरों के एक नए कारनामे ने इन दिनों राज्य के तमाम जिलों में तैनात जिलाधिकारियों की नाक में दम कर दिया है। वर्चुअल फ्रॉड के जरिए देश की आम जनता की गाढ़ी कमाई को पलक झपकते ही लूटने में माहिर जालसाजों के निशाने पर अब झारखंड के जिलों में पदस्थापित जिलाधिकारी भी है। पिछले महीने पाकुड़ जिले से जहां के कलेक्टर वरुण रंजन की फेक व्हाट्सअप आईडी बना साइबर ठग लोगों से उपहार और पैसों की मांग कर रहे हैं। वहीं जून में पाकुड़ के जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से डीसी की तस्वीर लगी फर्जी आईडी बनाकर लोगों से ठगी किए जाने की कोशिश करने का मामला सामने आया था।

इसे भी पढे़ं-  रद्द हो सकती है JPSC की यह परीक्षा, 3 जुलाई को हुई थी परीक्षा, कई राज्यों से जुड़े हैं इस मामले की तार

Share this article
click me!

Latest Videos

जब मैं जेल गया तो LG और BJP चला रहे थे दिल्ली को, कूड़ा फैला दिया चारों तरफ: अरविन्द केजरीवाल
'10 दिन में इस्तीफा दे सीएम योगी' जानें मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को क्या आया मैसेज
LIVE: पीएम मोदी ने गुजरात में राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम में भाग लिया
अमित शाह ने किया घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर करने का वादा #Shorts
इस एक वजह से बदली गई यूपी-पंजाब और केरल उपचुनाव की तारीख, जानिए क्या है नई डेट