
रांची (झारखंड). नूपुर शर्मा के द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को हिंसक घटनाएं हुईं। जिसमें दो लोगों की पत्थरबाजी के चलते मौत भी हो गई। वहीं कई लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज जारी है। अब इस घटना को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। जांच-पड़ताल में पता चला है कि रांची में हिंसा कराने की तैयारी एक सप्ता पहले यानि 4 जून से की जा रही थी। इतना ही नहीं उपद्रव मचाने के लिए उत्तर प्रदेश से 12 लोगों की एक टीम घटना के तीन दिन पहले आ चुकी थी। जिन्होंने लोकल युवाओं के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है।
एक सप्ताह पहले बांटे गए थे नूपुर शर्मा के पोस्टर
वहीं मीडिया के हावाले से यह भी सामने आ रहा है कि रांची के जिस मेन रोड इलाके में हिंसा हुई वहां एक रात पहले यानि गुरुवार रात को नूपुर शर्मा के पोस्टर बांटे गए थे। इतना ही नहीं इन पोस्टर के जरिए मुस्लिम समाज के लोगों को शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद इकट्ठा होने के लिए कहा गया था। फिर देखते ही देखते ही इकरा मस्जिद के बाहर हिंसक घटनाएं होनी लगीं। तोड़-फोड़ के साथ आगजनी की गई। पत्थरबाजी में पुलिस वालों को भी घायल किया गया।
हिंसा फैलाने के लिए उपद्रवियों ने बनाई थीं तीन टीम
हिंसा को लेकर जो खुलासा हुआ है उसके मुताबिक, उपद्रवियों की यह टीम 4 जून और जून को यूपी के सारंगपुर से रांची पहुंची थी। रांची के जिस मेन रोड पर इनको हिंसा की घटना को अंजाम देना था वहीं ये 12 लोग ने एक मीटिंग भी की थी। इन्होंने ही इलाही नगर और हिंदपीढ़ी के साथ गुदड़ी में बैठक कर यहां से निकलने वाले जुलूस को हिंसक बना दिया। इसके बाद तीन टीमें बनाई गईं। जहां एक टीम खूंटी के लिए रवाना हुई।
युवाओं को कौम की कसम देकर बहकाया था
बता दें कि उपद्रवियों ने हिंसा की घटना को अंजाम देने के लिए 16 साल से लेकर 24 साल के युवाओं को तैयार किया था। जिन्हों अपने कौम की कसम देकर उकसाया गया था। यह युवा इनके बहकावे में आ गए और पत्थरबाजी करने लगे। बताया जाता है कि इस घटना के पीछे एक सत्ताधारी दल झामुमो का कार्यकर्ता का नाम भी सामने आया है।
हिंसा में दो की मौत...टीआई का फटा सिर
बता दें कि शुक्रवार को झारखंड की राजधानी रांची में जुमे की नमाज के बाद सड़कों पर उतरे हजारों प्रदर्शनकारियों ने जमकर बवाल मचाया। इस दौरान कई जगहों पर पथराव किया, वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए उनमें आग लगा दी गई। देखते ही देखते हजारों की भीड़ सड़क पर दिखने लगी। पुलिस को हालात संभालने के लिए फायरिंग करने पड़ी। प्रदर्शनकारियों ने आम लोगों के साथ-साथ पुलि को भी निशाना बनाया। अराजक तत्वों के जरिए हुई हिंसा में दो लोगों की मौत भी हो गई। वहीं दो दर्जन के करीब लोग घायल भी हुए हैं। पत्थरबाजी में डेली मार्केट के थाना प्रभारी का सिर फट गया। कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
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