
रांची, झारखंड. महज तीन मिनट की देरी से एग्जाम में पहुंची एक छात्रा का प्रिंसिपल ने अपने ईगो के चलते साल बर्बाद करा दिया। बच्ची का पिता अपनी बेटी को रोते देखकर खुद भी अपने आंसू नहीं रोक पाया। वो प्रिंसिपल के पैरों पर गिर पड़ा। बेटी की मामूली देरी के लिए माफी मांगता रहा, लेकिन प्रिंसिपल नहीं पिघला। इस मामले को लेकर अब स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश व्याप्त है।
सदमे में आई छात्रा...
जानकारी के मुताबिक, प्रियंका इस साल 12वीं का एग्जाम दे रही है। वो धुर्वा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में पढ़ती है। उसका एग्जाम सेंटर डीएवी कपिलदेव स्कूल है। उसे एग्जाम हॉल तक पहुंचने में महज तीन मिनट की देरी हो गई थी। इस पर उसे अंदर जाने की इजाजत नहीं दी गई। छात्रा ने अपनी गलती पर माफी मांगी। फिर भी उसकी बात नहीं सुनी गई। इसके बाद छात्रा के पिता प्रिंसिपल एमके सिन्हा से मिले। उन्होंने प्रिंसिपल के पैर पकड़े..लेकिन वो नहीं पिघले। यह देखकर बेटी और पिता दोनों रोने लगे। उन्होंने जिला शिक्षाधिकारी को कॉल किया। शिक्षाधिकारी ने भी प्रिंसिपल से बात की। मगर प्रिंसिपल नहीं मानें।
करीब डेढ़ घंटे तक स्कूल के गेट के बाहर छात्रा और उसके पिता रोते रहे। यह खबर जब कुछ स्थानीय नेताओं को लगी, तो वे भी स्कूल पहुंचे। सबने प्रिंसिपल को समझाने की कोशिश की..मगर प्रिंसिपल ने किसी की एक बात नहीं सुनी। छात्रा अपना पूरा साल बर्बाद होते देख सदमे में चली गई। इस घटना को लेकर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। वहीं, प्रिंसिपल ने तर्क दिया कि एग्जाम 10 बजे से था, छात्रा देर से पहुंची थी। इसलिए एंट्री नहीं मिली।
(खबर को प्रभावी दिखाने काल्पनिक चित्र का इस्तेमाल किया गया है)
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