करीमन मियां से मुस्लिम समुदाय इतना हुआ नाराज कि कोई जनाजे में भी नहीं हुआ शामिल, तब आगे आए हिंदू

Published : Jan 10, 2020, 07:18 PM IST
करीमन मियां से मुस्लिम समुदाय इतना हुआ नाराज कि कोई जनाजे में भी नहीं हुआ शामिल, तब आगे आए हिंदू

सार

झारखंड में हिंदू-मुस्लिम प्रेम की एक अनूठी कहानी सामने आई है। हालांकि इसकी शुरुआत एक शर्मसार घटना से हुई। जानिए पूरी कहानी...

गढ़वा, झारखंड. यहां के भवनाथपुर थाना क्षेत्र के मकरी गांव में हिंदू-मुस्लिम विवाद के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द्र की अनूठी मिसाल सामने आई है। यहां रहने वाले एक बुजुर्ग मुसलमान से उसकी ही समाज के लोग नाराज थे। दरअसल, बुजुर्ग हिंदू रीति-रिवाजें से झाड़-फूंक करता था। बेशक झाड़-फूंक करना गलत है, लेकिन इस वजह से बुजुर्ग को उसकी मौत के बाद कब्रस्तान में जगह नहीं देना भी शर्मसार करता है।


करीमन मियां का शव 48 घंटे पड़ा रहा। कोई भी उन्हें दफनाने को तैयार नहीं था। मुस्लिम समुदाय ने सख्त हिदायत दे रखी थी कि वे करीमन को गांव या कब्रस्तान में जगह नहीं देंगे। तब कुछ हिंदू परिवार आगे आए। उन्होंने करीमन मियां को उनके ही घर के पास मुस्लिम रीति-रिवाजों से दफनाया।

मुस्लिम समुदाय ने एक बैठक बुलाकर ऐलान कर दिया था कि कोई भी करीमन मियां के जनाजे में शामिल नहीं होगा। करीमन की कोई संतान नहीं है। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। करीमन के कुछ रिश्तेदार हैं, जो जनाजे में शामिल हुए।

PREV

झारखंड की सरकार, खनन-उद्योग, आदिवासी क्षेत्रों की खबरें, रोजगार-विकास परियोजनाएं और सुरक्षा अपडेट्स पढ़ें। रांची, जमशेदपुर, धनबाद और ग्रामीण इलाकों की ताज़ा जानकारी के लिए Jharkhand News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — विश्वसनीय स्थानीय रिपोर्टिंग सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

2013 के बाद पहली बार, झारखंड में बैलेट पेपर से होंगे निकाय चुनाव
Ranchi के 10 बेस्ट स्कूल, जहां से हर साल निकलते हैं टॉपर्स