करीमन मियां से मुस्लिम समुदाय इतना हुआ नाराज कि कोई जनाजे में भी नहीं हुआ शामिल, तब आगे आए हिंदू

झारखंड में हिंदू-मुस्लिम प्रेम की एक अनूठी कहानी सामने आई है। हालांकि इसकी शुरुआत एक शर्मसार घटना से हुई। जानिए पूरी कहानी...

Asianet News Hindi | Published : Jan 10, 2020 1:48 PM IST

गढ़वा, झारखंड. यहां के भवनाथपुर थाना क्षेत्र के मकरी गांव में हिंदू-मुस्लिम विवाद के बीच साम्प्रदायिक सौहार्द्र की अनूठी मिसाल सामने आई है। यहां रहने वाले एक बुजुर्ग मुसलमान से उसकी ही समाज के लोग नाराज थे। दरअसल, बुजुर्ग हिंदू रीति-रिवाजें से झाड़-फूंक करता था। बेशक झाड़-फूंक करना गलत है, लेकिन इस वजह से बुजुर्ग को उसकी मौत के बाद कब्रस्तान में जगह नहीं देना भी शर्मसार करता है।


करीमन मियां का शव 48 घंटे पड़ा रहा। कोई भी उन्हें दफनाने को तैयार नहीं था। मुस्लिम समुदाय ने सख्त हिदायत दे रखी थी कि वे करीमन को गांव या कब्रस्तान में जगह नहीं देंगे। तब कुछ हिंदू परिवार आगे आए। उन्होंने करीमन मियां को उनके ही घर के पास मुस्लिम रीति-रिवाजों से दफनाया।

मुस्लिम समुदाय ने एक बैठक बुलाकर ऐलान कर दिया था कि कोई भी करीमन मियां के जनाजे में शामिल नहीं होगा। करीमन की कोई संतान नहीं है। उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। करीमन के कुछ रिश्तेदार हैं, जो जनाजे में शामिल हुए।

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