1 अप्रैल को 6 शुभ योग एक साथ, इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत शुभ रहेगा ये दिन, जमीन-जायदाद खरीदना रहेगा फायदेमंद

चैत्र अमावस्या (Chaitra Amawasya 2022) साल की अंतिम अमावस्या (Amawasya 2022) होती है। इसके अगले दिन से हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है। अमावस्या तिथि का महत्व कई ग्रंथों में बताया गया है। इसे पितरों की तिथि भी कहा जाता है।
 

उज्जैन. इस बार चैत्र अमावस्या 1 नहीं बल्कि 2 दिन मानी जाएगी 31 मार्च और 1 अप्रैल को।  पहले दिन पितरों के लिए श्राद्ध और दूसरे दिन स्नान-दान करना शुभ होगा। ज्योतिषियों के अनुसार 1 अप्रैल की चैत्र अमावस्या बहुत ही खास है क्योंकि इस दिन तिथि, वार और ग्रह-नक्षत्र के संयोग से सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि सहित कुल 6 शुभ योग बन रहे हैं। ये सभी शुभ योग इन्वेस्टमेंट के हिसाब से बहुत ही खास है। इन शुभ योगों में अचल संपत्ति खरीदना भी बेहद शुभ रहेगा। आगे जानिए 1 अप्रैल, शुक्रवार को कौन-से शुभ योग बनेंगे… 

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जानिए कौन-कौन- से शुभ योग बनेंगे 1 अप्रैल को
- पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, 1 अप्रैल को चैत्र मास की स्नान-दान अमावस्या रहेगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि जैसे बड़े योगों के साथ ही ब्रह्म, इंद्र, ध्वज और श्रीवत्स योग भी रहेंगे। 
- ये सभी योग इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत ही शुभ माने गए हैं। इस दिन किए गए निवेश का फायदा आपको आने वाले दिनों में मिल सकता है। पैसों के लेन-देन के लिए भी ये दिन शुभ रहेगा।
- ये शुभ योग हर तरह की खरीदारी और नई शुरुआत के लिए शुभ रहेंगे। इन योगों में किए गए निवेश, लेन-देन और खरीदी-बिक्री से लंबे समय तक फायदा मिलता है, साथ ही शुभ कामों का फल भी और बढ़ जाता है। 
- 1 अप्रैल, शुक्रवार को मंगल अपनी उच्च राशि यानी मकर में और अपने ही नक्षत्र में रहेगा, इसलिए रियल एस्टेट यानी जमीन-जायदाद में निवेश करना फायदेमंद रहेगा। 
- इस दिन रेवती नक्षत्र भी रहेगा, जिसका स्वामी ग्रह बुध है। इस नक्षत्र में निवेश, लेन-देन और खरीदी-बिक्री से फायदा मिलता है। शुक्रवार होने से इस दिन ज्वैलरी आदि खरीदना भी शुभ रहेगा।

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शुभ फल पाने के लिए ये काम करें
- 1 अप्रैल को अमावस्या तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण की पूजा करें और गीता का पाठ करें। इससे आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
- इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें। इससे भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
- अमावस्या पर वृक्षों को जल चढ़ाएं। खास तौर पर पीपल के वृक्ष में जल दें और शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इससे भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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