Dhanteras 2021: इस विधि से करें भगवान धन्वंतरि की पूजा, ये हैं शुभ मुहूर्त, आरती और कथा

प्रतिवर्ष कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस (Dhanteras 2021) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये उत्सव 2 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस बार धनतेरस पर कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये पर्व और भी विशेष हो गया है। इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बन रहा है, जिसके चलते इस दिन किए गए पूजा, उपाय आदि का 3 गुना फल मिलेगा।
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 28, 2021 5:11 PM IST / Updated: Nov 02 2021, 04:01 PM IST

उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट के अनुसार, साथ ही इस दिन तुला राशि में बुध और सूर्य की युति होने से बुधादित्य नाम का एक और शुभ योग भी बन रहा है। इस दिन उत्तरा फाल्गुनी और हस्त नक्षत्र होने से धाता और सौम्य नाम के 2 शुभ योग और भी बन रहे हैं, जो पूरे दिन रहेंगे। धार्मिक दृष्टिकोण से भी इस दिन का विशेष महत्व है। इस दिन औषधियों के स्वामी भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। पुराणों में धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अंशावतार भी माना गया है। 

चौघड़िया मुहूर्त
सुबह 11.30 से दोपहर 12.10 तक- लाभ
दोपहर 12.10 से 01.34 तक- अमृत
दोपहर 02.59 से शाम 04.23 तक- शुभ
शाम 07.23 से 08.59 तक- लाभ

विशेष शुभ मुहूर्त
सुबह 11.48 से दोपहर 12.33 तक- अभिजीत मुहूर्त
शाम 06.18 से रात 08.14 तक- वृषभ लग्न
(उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मितेश पाण्डे के अनुसार)


इस विधि से करें भगवान धन्वंतरि की पूजा...
- सबसे पहले नहाकर साफ वस्त्र पहनें। भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें तथा स्वयं पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं। उसके बाद भगवान धन्वंतरि का आह्वान इस मंत्र से करें-
सत्यं च येन निरतं रोगं विधूतं,
अन्वेषित च सविधिं आरोग्यमस्य।
गूढं निगूढं औषध्यरूपम्, धन्वन्तरिं च सततं प्रणमामि नित्यं।।

- इसके बाद पूजा स्थल पर आसन देने की भावना से चावल चढ़ाएं। आचमन के लिए जल छोड़ें। भगवान धन्वंतरि के चित्र पर गंध, अबीर, गुलाल पुष्प, रोली, आदि चढ़ाएं।
- चांदी के बर्तन में खीर का भोग लगाएं। (अगर चांदी का बर्तन न हो तो अन्य किसी बर्तन में भी भोग लगा सकते हैं।)
- इसके बाद पुन: आचमन के लिए जल छोड़ें। मुख शुद्धि के लिए पान, लौंग, सुपारी चढ़ाएं। भगवान धन्वंतरि को वस्त्र (मौली) अर्पण करें।
- शंखपुष्पी, तुलसी, ब्राह्मी आदि पूजनीय औषधियां भी भगवान धन्वंतरि को अर्पित करें। रोग नाश की कामना के लिए इस मंत्र का जाप करें-
ऊं रं रूद्र रोग नाशाय धनवंतर्ये फट्।।
- इसके बाद भगवान धन्वंतरि को श्रीफल व दक्षिणा चढ़ाएं। पूजा के अंत में कर्पूर आरती करें।

भगवान धन्वंतरि की आरती
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।


समुद्र मंथन की कथा
धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक बार महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण स्वर्ग श्रीहीन (ऐश्वर्य, धन, वैभव आदि) हो गया। तब सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए। भगवान विष्णु ने उन्हें असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन करने का उपाय बताया और ये भी बताया कि समुद्र मंथन को अमृत निकलेगा, जिसे ग्रहण कर तुम अमर हो जाओगे साथ ही स्वर्ग की संपदा भी पुन: लौट आएगी। यह बात जब देवताओं ने असुरों के राजा बलि को बताई तो वे भी समुद्र मंथन के लिए तैयार हो गए। वासुकि नाग की नेती बनाई गई और मंदराचल पर्वत की सहायता से समुद्र को मथा गया। समुद्र मंथन से उच्चैश्रवा घोड़ा, ऐरावत हाथी, लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि सहित 14 रत्न निकले। भगवान धन्वंतरि के हाथ में अमृत कलश देखकर देवता और असुरों में लड़ाई छिड़ गई। तब भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर छल से देवताओं को अमृत पिला दिया और असुर उससे वंचित रह गए।

दिवाली के बारे में ये भी पढ़ें

Dhanteras 2021: 2 नवंबर को त्रिग्रही योग में मनाया जाएगा धनतेरस पर्व, त्रिपुष्कर योग में होगा इस दिन सूर्योदय

Diwali 2021: 4 नवंबर को दीपावली पर करें इन 7 में से कोई 1 उपाय, इनसे बन सकते हैं धन लाभ के योग

Diwali 2021: सोने से मढ़ी हैं इस लक्ष्मी मंदिर की दीवारें, इसे कहा जाता है दक्षिण का स्वर्ण मंदिर

मुंबई में है देवी महालक्ष्मी का प्रसिद्ध मंदिर, समुद्र से निकली है यहां स्थापित प्रतिमा

दीपावली 4 नवंबर को, पाना चाहते हैं देवी लक्ष्मी की कृपा तो घर से बाहर निकाल दें ये चीजें

Diwali 2021: 2 हजार साल पुराना है कोल्हापुर का महालक्ष्मी मंदिर, इसके खजाने में हैं कई अरब के दुर्लभ जेवरात

Read more Articles on
Share this article
click me!