Aaj Ka Panchang 19 सितंबर 2022 का पंचांग: मातृ नवमी श्राद्ध आज, आज किस दिशा में यात्रा न करें?

 19 सितंबर, सोमवार को पहले आर्द्रा नक्षत्र होने से कालदण्ड और उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से धूम्र नाम से 2 अशुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा व्यातिपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। 
 

Manish Meharele | / Updated: Sep 19 2022, 05:30 AM IST

उज्जैन. कई कई पंचांग के बारे में सुनते हैं, लेकिन बहुत कम लोग इसके विषय में जानते हैं। पंचांग एक तरह के हिंदू कैलेंडर का तरह काम करता है। इसमें हर दिन की तिथि, नक्षत्र, योग, करण, ग्रह-नक्षत्रों की जानकारी उपलब्ध रहती है। वैसे तो हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित है, लेकिन उन सभी में विक्रम पंचांग सबसे विश्वसनीय और प्रमुख है। पंचांग वैदिक काल से ही सनातन धर्म में काल गणना का एक प्रमुख अंग रहा है। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

19 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 19 september 2022)
19 सितंबर 2022, दिन सोमवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि शाम 07 बजे तक रहेगी, इसके बाद दशमी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन मातृ नवमी श्राद्ध किया जाएगा। सोमवार को पहले आर्द्रा नक्षत्र शाम 6 बजे तक रहेगा, इसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले आर्द्रा नक्षत्र होने से कालदण्ड और उसके बाद पुनर्वसु नक्षत्र होने से धूम्र नाम से 2 अशुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा व्यातिपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 07:48 से 09:19 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
सोमवार को सूर्य और बुध कन्या राशि में, चंद्रमा मिथुन में, शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए।

19 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- सोमवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- आर्द्रा और पुनर्वसु
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 6:18 AM
सूर्यास्त - 6:23 PM
चन्द्रोदय - Sep 19 12:09 AM
चन्द्रास्त - Sep 19 2:19 PM
अभिजीत मुहूर्त- 11:56 AM से 12:45 PM
19 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:49 AM – 12:20 PM
कुलिक - 1:51 PM – 3:21 PM
दुर्मुहूर्त - 12:44 PM – 01:33 PM और 03:09 PM – 03:58 PM
वर्ज्यम् - 07:39 AM – 09:26 AM

पंचांग 5 अंगों से मिलकर तैयार होता है
ज्योतिषियों के मुताबिक तिथि का आधा भाग करण कहलाता है। कुल 11 करण होते हैं- बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। तिथि की बात की जाए तो चन्द्र रेखांक को सूर्य रेखांक से 12 अंश ऊपर जाने के लिए जो समय लगता है, वह तिथि कहलाती है। तिथि कुल 16 होती है। आकाश में दिखाई देने वाले तारों के समूह को नक्षत्र कहा जाता है। इसमें 27 नक्षत्र होते हैं। एक सप्ताह में सात वार होते हैं। नक्षत्र की ही तरह योग भी 27 प्रकार के होते हैं।


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