Aaj Ka Panchang 5 सितंबर 2022 का पंचांग: 2 शुभ और 1 अशुभ योग में बीतेगा दिन, जानें राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang: 5 सितंबर, सोमवार को सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। इस दिन मूल नक्षत्र होने से लुंबक नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा प्रीति और आयुष्मान नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे। 

 

Manish Meharele | / Updated: Sep 05 2022, 05:30 AM IST

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, एक हिंदू वर्ष में दो अयन होते हैं, जिन्हें दक्षिणायन और उत्तरायन कहते हैं। उत्तरायण को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है। जब सूर्य उत्तरायण होता है तो मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि किए जा सकते हैं जबकि दक्षिणयान के दौरान किसी भी तरह के मांगलकि कार्य करने की मनाही होती है। इन दोनों अयनों का महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

5 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 5 september 2022)
5 सितंबर 2022, दिन सोमवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि सुबह
08:28 तक रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी, जो रात अंत तक रहेगी। सोमवार को सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। सोमवार को मूल नक्षत्र होने से लुंबक नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा प्रीति और आयुष्मान नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 07:46 से 09:19 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
सोमवार को चंद्रमा धनु राशि में, शुक्र और सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए।

5 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- शुक्ल
दिन- सोमवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- मूल
करण- कौलव, तैतिल और गर
सूर्योदय - 6:14 AM
सूर्यास्त - 6:37 PM
चन्द्रोदय - Sep 05 2:39 PM
चन्द्रास्त - Sep 06 1:24 AM
अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 से 12:50 तक

5 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:52 AM – 12:25 PM
कुलिक - 1:58 PM – 3:31 PM
दुर्मुहूर्त - 12:50 PM – 01:39 PM और 03:18 PM – 04:08 PM
वर्ज्यम् - 04:55 AM – 06:23 AM

चतुर्थी तिथि के स्वामी हैं श्रीगणेश
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें से चौथी तिथि को चतुर्थी कहते हैं। इस तिथि की स्वामी भगवान श्रीगणेश है क्योंकि इसी तिथि पर इनका जन्म हुआ था। इस तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है। मांगलिक कार्यों के लिए भी ये तिथि शुभ मानी गई है।


ये भी पढ़ें-

Parivartini Ekadashi 2022: कब किया जाएगा परिवर्तिनी एकादशी व्रत? जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त


Ganesh Utsav 2022: ऐसा है श्रीगणेश का परिवार, 2 पत्नियों के साथ 2 पुत्र और 1 पुत्री भी हैं शामिल

Ganesh Utsav 2022: किन देशों में 'कांगितेन' और 'फ्ररा फिकानेत' के नाम से पूजे जाते हैं श्रीगणेश

Share this article
click me!