ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। वहम, डर और डिप्रेशन जैसी स्थितियां मन से जुड़ी हुई समस्या है।
उज्जैन. चंद्रमा की खराब स्थिति के कारण मन का विचलित होना, वहम और डर जैसी परेशानियां होने लगती हैं। इसके अलावा राहु भी मन में भ्रम पैदा करता है। चंद्रमा और राहु की स्थिति मन में विचित्र समस्याएं पैदा करती है।
कब ज्यादा होती है ये समस्या?
ज्योतिष के अनुसार जब चंद्रमा बहुत कमजोर स्थिति में हो या महादशा चल रही हो। चंद्रमा पर शनि का प्रभाव हो या चन्द्रमा केतु का संबंध होने पर भी डर, वहम और डिप्रेशन की स्थिति बनती है।
राहु के कारण भी पैदा होता है डर
- जब किसी जातक की कुंडली में राहु का प्रभाव ज्यादा हो जाता है या फिर राहु का संबंध चंद्रमा से होता है तब वहम की समस्या होती है।
- जब कुंडली में खराब राहु की दशा चल रही हो तो भी व्यक्ति के मन में वहम और अंजाने डर की स्थिति बनने लगती है।
- इसके अलावा माना जाता है कि जिनका जन्म संध्याकाल के समय होता है उनमें भी डर और वहम की समस्या होती है।
ये उपाय करें
1. रोज सुबह उठकर स्नानादि करके सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
2. चंद्रमा को मजबूत बनाने के लिए सोमवार को भगवान शिव का पूजन करना चाहिए।
3. मांसाहार, नशीली चीजों और ज्यादा तेल-मसाले वाले भोजन से दूरी बनाए रखें।
4. प्रत्येक माह की दोनों एकादशी का व्रत करना चाहिए।
5. किसी योग्य ज्योतिषी की सलाह से पुखराज या पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं।
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