सार

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि के अशुभ प्रभावों के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि केवल अशुभ फल ही प्रदान नहीं करते बल्कि शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को अपने जीवन में सुख-समृद्धि और तरक्की प्राप्त होती है।

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि के अशुभ प्रभावों के कारण व्यक्ति को अपने जीवन में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि केवल अशुभ फल ही प्रदान नहीं करते बल्कि शनि के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को अपने जीवन में सुख-समृद्धि और तरक्की प्राप्त होती है। ज्योतिष शास्त्र में शनि के तीन ऐसे शुभ योग बताए गए हैं जो व्यक्ति को धनवान बना सकते हैं। जानिए कौन-से हैं वो 3 शुभ योग…

शश योग का निर्माण होना
जब कुंडली में शनि अपनी स्वराशि मकर, कुंभ या तुला राशि में होता है या फिर शनि अपनी उच्च राशि तुला में होकर, कुंडली के केंद्र भावों में स्थित होता है, तब शश योग का निर्माण होता है। माना जाता है कि जब यह योग बनता है तब व्यक्ति का जीवन राजा के समान हो जाता है। 

कुंडली में शनि के सप्तम भाव में होने पर
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि सप्तम भाव में बैठे हो तब इसके प्रभाव से मनुष्य परिश्रमी होता है और इसके साथ ही व्यक्ति का जीवन राजा के समान हो जाता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के सप्तम भाव में शनि बैठे हो उन्हें शनि देव का पूजन करना चाहिए।

शनि-शुक्र योग का फल
जब किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि और शुक्र एक ही स्थान पर बैठते हैं, तब पर शनि-शुक्र योग का निर्माण होता है। यह योग बनने पर व्यक्ति को आर्थिक परेशानियों से निजात मिलती है। इस योग के शुभ प्रभाव से व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है। तुला राशि या वृष राशि के जातकों के लिए शनि का यह योग सबसे अधिक शुभ माना जाता है।

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