इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ 2 अप्रैल से हो रहा है, जो 19 अप्रैल तक रहेगी। इसे बड़ी नवरात्रि भी कहते हैं। इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) में कोई भी तिथि क्षय नही है, इसलिए माता की आराधना पूरे 9 दिन की जाएगी।
उज्जैन. चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) के दौरान ही मंगल और बुध ग्रहों का राशि परिवर्तन भी होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, ये शुभ संयोग है। इस बार देवी घोड़े पर सवार होकर आएगी। ये शुभ संकेत है। मां दुर्गा को सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी कहा गया है। इसलिए नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। जो हर मनोकामना पूरी करने वाले और हर तरह के दोष खत्म होने वाले होते हैं। आगे जानिए चैत्र नवरात्रि से जुड़ी खास बातें…
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चैत्र नवरात्रि में ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति
चैत्र नवरात्रि में मकर राशि में शनि देव, मंगल के साथ रहेंगे, जो पराक्रम में वृद्धि करेंगे। रवि पुष्य नक्षत्र के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग नवरात्रि को स्वयं सिद्ध बनाएंगे। शनिवार से नवरात्रि का प्रारंभ शनिदेव का स्वयं की राशि मकर में मंगल के साथ रहना निश्चित ही सिद्धि कारक है। इससे कार्य में सफलता, मनोकामना की पूर्ति, साधना में सिद्धि मिलेगी। चैत्र नवरात्रि के दौरान कुंभ राशि में गुरु, शुक्र के साथ रहेगा। मीन में सूर्य, बुध के साथ, मेष में चंद्रमा, वृषभ में राहु, वृश्चिक में केतु विराजमान रहेंगे।
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घोड़े पर सवार होकर आएंगी देवी भैंसे पर जाएंगी
ज्योतिषियों के अनुसार, नवरात्रि में मां दुर्गा अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं और विदाई के समय भी वाहन अलग होता है। इस बार नवरात्रि शनिवार से शुरू होगी, जिसके चलते देवी दुर्गा के आगमन का वाहन घोड़ा रहेगा और अंतिम दिन रविवार होने से जाने का वाहन भैंसा होगा। देवी के दोनों वाहन देश में विवाद, तनाव, दुर्घटनाएं और प्राकृतिक आपदाओं की ओर संकेत कर रहे हैं। इसलिए देवी आराधना से अशुभ फल में कमी आ सकती है।
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10 अप्रैल को मनाई जाएगी श्रीराम नवमी
धर्म ग्रंथों के अनुसार चैत्र नवरात्रि के अंतिम यानी नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ के यहां श्रीराम के रूप में अवतार लिया था। इस दिन प्रमुख राम मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी व अन्य आयोजन भी किए जाएंगे।
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