
नई दिल्ली. केरल में विधानसभा चुनाव के लिए 6 अप्रैल को मतदान होना है। इससे पहले कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री पी विजयन और केंद्र सरकार पर मिलीभगत का आरोप लगाया। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि पीएम मोदी और उनकी सरकार ने गोल्ड स्मगलिंग केस में पी विजयन के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की, क्यों उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केरल ईमानदारी पसंद करता है। केरल पार्दशिता के लिया जाना जाता है। केरल हमेशा जवाबदेही चाहता है। लेकिन केरल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि गोल्ड स्मगलिंग केस में आरोप केरल के सीएम के दरवाजे तक पहुंचे। ना सिर्फ सीएम बल्कि, उनके कैबिनेट मिनिस्टर और केरल के स्पीकर के नाम भी मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा लिया गया। इस मामले में सीएम के सचिव एम शिवशंकर भी गिरफ्तार हो चुके हैं। वे अब बेल पर हैं।
विजयन और पीएम मोदी के बीच क्या रिश्ता है?
कांग्रेस नेता ने पूछा कि पीएम मोदी और विजयन के बीच क्या खास रिश्ता है, जिस वजह से ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट समेत अन्य एजेंसियां सीएम और उनके कैबिनेट मंत्रियों के ऊपर कार्रवाई नहीं कर रही हैं। सुरजेवाला ने पूछा कि पी विजयन और मोदी सरकार के बीच क्या टूलकिट है?
क्या अडाणी ग्रुप से पवन ऊर्जा खरीदना चाहती है केरल सरकार ?
रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि क्या एलडीएफ सरकार अडाणी समूह से 300 मेगावाट दीर्घकालिक पवन ऊर्जा खरीदना चाहती है, जिसक अनुमानित लागत 8,785 करोड़ रु है? यदि हां तो क्या तिरुवनंतपुरम हवाई अड्डे को केंद्र द्वारा अडाणी समूह को देना और पी विजयन द्वारा इसका विरोध मात्र दिखावा था।
सुरजेवाला ने कहा कि क्या ये सही नहीं है कि सोलर ऊर्जा 1.90 प्रति यूनिट पर उपलब्ध है। लेकिन इसे 2.90 प्रति यूनिट पर खरीदा जा रहा है। यह करीब 1 रुपए प्रति यूनिट महंगी है।
क्या है गोल्ड स्मगलिंग केस
तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर कस्टम अफसरों ने 3 जुलाई को कार्गो फ्लाइट से 30 किलो सोना जब्त किया था। यह सोना यूएई के वाणिज्य दूतावास का था। जब कस्टम विभाग ने जांच की तो इस मामले में स्वप्ना सुरेश और दूतावास के प्रतिनिधि सरीथ का नाम सामने आया था।
इसके बाद इस मामले में जांच एजेंसियों द्वारा स्वप्ना सुरेश और विजयन के सचिव शिवकुमार को गिरफ्तार किया गया। हाल ही में कस्टम डिपार्टमेंट ने केरल हाईकोर्ट में स्वप्ना सुरेश के हवाले से कहा कि केरल के मुख्यमंत्री, उनके तीन मंत्री और स्पीकर को राज्य में गोल्ड स्मगलिंग की जानकारी पहले से थी।