
Red Ant Chutney: नॉन वेजीटेरियन खाने से हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं, यह तो आपने सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि नॉनवेज खाने में भी आखिर क्या-क्या हमारे देश में शामिल किया जाता है? इसकी लिस्ट शायद लंबी हो सकती है। लेकिन आज हम आपको भारत देश के ऐसे राज्य के बारे में बताएंगे जहां पर मुर्गा, बकरा या मछली नहीं बल्कि चीटियों को चाव से खाया जाता है। जी हां! छत्तीसगढ़ के बस्तर में लाल चीटियों को पीसकर चटनी बनाई जाती है। खास बात यह है कि सिर्फ चींटी ही नहीं बल्कि उसके सफेद अंडों का इस्तेमाल भी चटनी के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं कि आखिर लाल चींटी की चटनी या चापड़ा चटनी कैसे बनाते हैं और उसे खाने से शरीर को क्या फायदे पहुंचते हैं।
बस्तर जिले के ट्राईबल्स चापड़ा चटनी को अपने खाने में जरूर शामिल करते हैं। इसे बनाना भी बेहद आसान होता है। पहले पेड़ से लाल चीटियों को पड़कर इन्हें मारना पड़ता है। इसके बाद अदरक, लहसुन, हरी धनिया और मिर्च को पीसने के बाद लाल चींटी को और भी मिलाकर पीसा जाता है। स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर चटनी का सेवन किया जाता है। बताया जाता है कि लाल चींटी की चटनी का स्वाद हल्का खट्टा होता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा माना जाता है।
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