पहली बार कर रही हैं छठ का व्रत, तो जान लें खरना बनाने की रेसिपी, फायदे और महत्व

Published : Nov 02, 2024, 02:04 PM IST
how-to-make-kharna-for-Chhath-Puja-2024

सार

छठ पूजा में खरना का विशेष महत्व है। गुड़, चावल और दूध से बनी यह खीर व्रत की शुरुआत का प्रतीक है। जानें बनाने की विधि, महत्व और फायदे।

फूड डेस्क: चार दिनों तक चलने वाली छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर से होने वाली है, जो कि 8 नवंबर तक चलेगी। छठ पूजा के पहले दिन नहाए-खाए, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन सुबह सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। नहाए खाए के बाद अगले दिन खरना का विशेष महत्व होता है। इसे खाने के बाद व्रत की शुरुआत की जाती है। इसे विधि विधान से पूरी सात्विकता के साथ बनाया जाता है। ऐसे में अगर आप पहली बार छठ पूजा का व्रत कर रही हैं, तो चलिए हम आपको बताते हैं कि कैसे आपको स्टेप बाय स्टेप खरना बनाना चाहिए और इसे खाने का क्या महत्व और फायदे हैं।

खरना बनाने की सामग्री

चावल - 1 कप

गुड़ - 1 कप

पानी - 3 कप (गुड़ की चाशनी बनाने के लिए)

घी - 2-3 बड़े चम्मच

दूध - 1 कप (मलाईदार खीर के लिए)

ऐसे बनाएं खरना

चावल तैयार करें

खरना बनाने के लिए सबसे पहले चावल को अच्छी तरह धोकर करीब 15-20 मिनट के लिए भिगो दें। बाद में पानी निकाल दें। फिर एक भारी तले वाले पैन या प्रेशर कुकर में चावल को पानी के साथ उबालें। नरम होने तक पकाएं।

गुड़ का मिश्रण बनाएं

एक अलग पैन में 3 कप पानी और गुड़ डालें। गुड़ को पूरी तरह से घुलने तक अच्छी तरह मिलाएं। इसे तब तक गर्म करें जब तक यह पिघल न जाए और मीठी चाशनी न बन जाए। यदि आप गाढ़ी स्थिरता चाहते हैं, तो गुड़ के मिश्रण में दूध मिलाएं और इसे हल्का उबाल लें।

चावल और गुड़ मिलाएं

पके हुए चावल के ऊपर गुड़ का मिश्रण डालें और अच्छी तरह मिलाएं। इसे कुछ मिनटों के लिए धीमी आंच पर पकने दें, जिससे स्वाद एक साथ मिल जाएं। एक बार गाढ़ी हो जाने पर, बेहतर स्वाद और खुशबू के लिए घी डालें और अच्छी तरह मिलाएं।

खीर का भोग लगाएं

परंपरागत रूप से, यह खीर खरना के भाग के रूप में छठी मैया को अर्पित की जाती है। इसके बाद व्रत करने वाली महिलाएं इस खीर का सेवन करके 36 घंटे के निर्जला व्रत की शुरुआत करती हैं।

खरना खाने के फायदे

खरना दूध, चावल और गुड़ के साथ बनाया जाता है, जो हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। गुड़ का सेवन करने से डाइजेशन ठीक रहता है और अपच की समस्या नहीं होती है। वहीं, चावल में कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो हमारे शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं। इसके अलावा दूध प्रोटीन और विटामिन की कमी को पूरा करता है।

क्या होता है खरना का महत्व

खरना का मतलब होता है शुद्धता। इस दिन मन की शुद्धता पर जोर दिया जाता है और छठी मैया के प्रसाद के लिए खरना तैयार किया जाता है। खरना के दिन व्रत करने वाली महिलाएं जमीन पर सोती हैं। खरना के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। व्रत करने वाली महिलाएं छठी मैया के गीत गाती हैं, गुड़ चावल के साथ खीर बनाई जाती है। खरना बनाने में शुद्धता का विशेष ध्यान दिया जाता है। इसके साथ दूध, चावल का पीठा और घी चुपड़ी रोटी भी तैयार की जाती है। खरना के बाद ही व्रती महिलाएं 36 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं। खरना के अगले दिन सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।

और पढे़ं- Chhath puja 2024: छठ पूजा में इन चीजों को खाने का है महत्व

PREV

Recommended Stories

Gut Friendly Kanji: सर्दियों में गट हेल्थ रहेगा दुरुस्त, डाइट में शामिल करें ये कांजी की 5 रेसिपी
थट्टे से लेकर पौडी तक साल 2025 में लोगों को पसंद आई ये 7 इडली