
Chhath Puja Kharna Prasad Recipe: छठ महापर्व का दूसरा दिन यानी खरना बहुत ही पवित्र और भावनात्मक महत्व रखता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को खरना पूजा के बाद गुड़ की खीर (रसीया) और गेहूं की रोटी का प्रसाद ग्रहण करते हैं। कहा जाता है कि खरना की रोटी और खीर का प्रसाद मां गंगा और सूर्य देव को अर्पित करने के बाद ही व्रती इसे खाते हैं। ऐसे में रोटी बनाते समय कोई भी छोटी सी गलती प्रसाद के स्वाद और पवित्रता को बिगाड़ सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप खरना प्रसाद बनाते वक्त इन कुछ खास बातों का ध्यान रखें, ताकि रोटी न केवल सॉफ्ट और स्वादिष्ट बनेगी बल्कि भोग लगाने के लिए सात्विक और पवित्र भी रहेगी।
खरना की रोटी बनाते वक्त सबसे पहले ध्यान रखना जरूरी है कि आटा, पानी और बर्तन पूरी तरह शुद्ध और साफ हों। यह प्रसाद होता है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार का नमक, तेल या मसाला नहीं डाला जाता। रोटी बनाने से पहले रसोई को साफ करें या फिर पूजा रूम में या आंगन में नया चूल्हा (गैस) जलाकर प्रसाद तैयार करें। सामग्री, जगह और बर्तन की शुद्धि के अलावा खुद भी स्नान करके साफ कपड़े पहनें। आटा गूंथने के लिए सिर्फ शुद्ध जल का ही इस्तेमाल करें। इससे प्रसाद की पवित्रता बनी रहती है और यह भगवान को अर्पित करने के योग्य होता है।
खरना की रोटी को सॉफ्ट और मुलायम बनाने के लिए आटा न तो बहुत ज्यादा टाइट होना चाहिए और न ही बहुत गीला। अगर आटा ज्यादा सख्त होगा तो रोटी सूखी और सख्त बनेगी, जबकि ज्यादा गीला आटा रोटी को फैलने नहीं देगा। आटा गूंथते समय थोड़ा-थोड़ा पानी डालें और 10–15 मिनट तक ढककर रख दें। इससे आटे में नमी अच्छी तरह आ जाती है और रोटियां बेलने में भी आसानी होती है।
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खरना की रोटियां पारंपरिक रूप से देसी घी में सेंकी जाती हैं। बहुत से लोग कम घी का प्रयोग करते हैं, जिससे रोटी सूखी रह जाती है और स्वाद फीका पड़ जाता है। रोटी को दोनों तरफ से सेंकते समय थोड़ा-थोड़ा घी लगाएं, ताकि वह हल्की कुरकुरी और अंदर से सॉफ्ट बने। घी की खुशबू ही खरना के प्रसाद का असली स्वाद होती है, इसलिए इसमें कंजूसी न करें।
रोटी बनाते समय तवा बहुत ज्यादा गर्म नहीं होना चाहिए। अगर तवा बहुत गर्म होगा तो रोटी बाहर से जल जाएगी और अंदर से कच्ची रह जाएगी। वहीं, अगर आंच बहुत धीमी होगी तो रोटी सख्त बनेगी। मध्यम आंच पर धीरे-धीरे सेकने से रोटी गोल्डन ब्राउन और सॉफ्ट बनेगी। ध्यान रखें कि रोटी सेकते समय लगातार पलटते रहें ताकि दोनों तरफ समान सिकाई हो।
खरना की रोटी केवल भोजन नहीं, बल्कि श्रद्धा और शुद्धता का प्रतीक है। इसे बनाते समय मन को शांत रखें और किसी से बातचीत या गुस्सा करने से बचें। रोटी को हमेशा दोनों हाथों से श्रद्धा भाव से चढ़ाएं और ढक कर रखें। जब खीर के साथ इसे प्रसाद रूप में अर्पण किया जाए, तो ध्यान रखें कि रोटी पूरी तरह ठंडी हो चुकी हो और उसमें धूल या नमी न हो।
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नहीं खरना की रोटी में नमक डालना वर्जित होता है, इसे पूरी तरह से साफ और सादा बनाया जाता है।
नहीं खरना रोटी को तवे या कढ़ाई पर घी से सेंकना ही इसकी पारंपरिक विधि है।
खरना पूजा से 1-2 घंटे पहले आप रोटी बना सकते हैं, लेकिन बनाते वक्त इसकी शुद्धता का खास ध्यान रखें।
खरना रोटी बनाने के लिए धोए हुए शुद्ध गेहूं के आटे का इस्तेमाल करें। मैदा या फिर मिक्स आटे का इस्तेमाल इसमें वर्जित है।
खरना प्रसाद में रोटी के साथ गुड़ और चावल की खीर बनाया जाता है।