
अभी कुछ दिन पहले तक भयंकर गर्मी पड़ रही थी। अब धीरे-धीरे बारिश शुरू हो रही है, तो गर्मी से थोड़ी राहत मिल रही है। लेकिन, इस मौसम में हमारा शरीर और दिमाग उतना चुस्त-दुरुस्त नहीं रहता। इससे काम में मन कम लगता है और थकान महसूस होती है। इसलिए फिर से एनर्जी पाने के लिए एक कप चाय के साथ कुछ स्नैक्स खाने का मन करता है। लेकिन हम जो भी स्नैक्स खाते हैं, वो हमारी सेहत के लिए नुकसानदेह नहीं होने चाहिए। इसलिए बारिश के मौसम में हेल्दी रहने के लिए कुछ खाने की चीजों से परहेज करना बेहतर होता है। क्योंकि इस मौसम में बीमार पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है। जैसे ये जानना जरूरी है कि क्या खाना चाहिए, वैसे ही ये भी जानना जरूरी है कि क्या नहीं खाना चाहिए। जानें वो कौन सी चीजें हैं और उन्हें क्यों नहीं खाना चाहिए।
पूरी या बेलपूरी जितनी टेस्टी लगती हैं, बारिश में उतनी ही खतरनाक हो सकती हैं। पानी की साफ-सफाई का कोई भरोसा नहीं होता, ऊपर से नमी में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं।
सड़क किनारे बिकने वाले कटे फल धूल, मक्खी और गंदगी का घर होते हैं। इन्हें खाने से फूड इंफेक्शन हो सकता है।
बारिश में मिलने वाले समोसे या वड़े गरम नहीं होते, और बासी होने की संभावना ज़्यादा होती है। ठंडा और बासी तला हुआ खाना पेट की गड़बड़ी की बड़ी वजह बन सकता है।
नमी के कारण मांस जल्दी खराब होता है। बिजली बार-बार जाती है, जिससे रेफ्रिजरेशन सही नहीं हो पाता। ऐसे में बाहर का नॉनवेज खाने से परहेज करें।
बारिश के दिनों में मछली ज़्यादा जल्दी खराब हो सकती है। अगर पूरी तरह से फ्रेश न हो, तो इससे पेट में इन्फेक्शन हो सकता है।
खीर, रसगुल्ला, रबड़ी जैसी चीजें इस मौसम में जल्दी खराब हो जाती हैं और साइलेंट फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकती हैं।
बारिश में सड़क किनारे मिलने वाला गन्ने का रस और नींबू सोडा न पिएं। इनमें डाली जाने वाली बर्फ़ का पानी असुरक्षित हो सकता है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ा सकता है।
सलाद हेल्दी होता है, लेकिन बारिश में इसके काटने वाले हाथ, चाकू और पानी साफ नहीं होते हैं, जिससे बैक्टीरिया का डर बना रहता है।
बारिश का पानी, उमस और वातावरण में नमी, ये तीनों मिलकर बैक्टीरिया और वायरस के लिए बेस्ट माहौल बनाते हैं। खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब होती हैं और अगर थोड़ी भी लापरवाही हो गई तो फूड प्वाइजनिंग, पेट की बीमारियां और संक्रमण आम हो जाते हैं।