
Roasted Chana Purity: भुना चना प्रोटीन, फाइबर और एनर्जी का बढ़िया सोर्स माना जाता है, लेकिन बाजार में बिकने वाले चने अब मिलावट का शिकार हो रहे हैं। ज्यादा चमकदार रंग, कुरकुरा पन बढ़ाने के लिए केमिकल कोटिंग और एक्सपायर्ड चनों को नई शक्ल देने के लिए कई तरह की मिलावट आजकल आम हो गई है। ऐसे में जरूरी है कि आप रोज खाए जाने वाले इस हेल्दी चने में जहरीले केमिकल की पहचान करना सीखें, वरना लंबे समय में यह पाचन दिक्कत, किडनी लोड और बीमारियों का कारण बन सकता है।
अगर चना ज्यादा चमकीला, एक जैसा पीला या भूरा दिख रहा है, तो इसमें आर्टिफिशियल कलर या पॉलिश यूज किया गया है। असली भुना चना हल्के मैट टेक्सचर वाला होता है, उसकी सतह थोड़ी खुरदरी लगती है और हर दाना अपने नेचुरल कलर में थोड़ा अलग दिखाई देता है। जबकि मिलावटी चने पर कोटिंग की वजह से दाने असामान्य रूप से चिकने लगते हैं और हाथ में लेने पर पाउडर या हल्की परत झड़ती महसूस होती है।
केमिकल वाले भुने चने में अक्सर तेज, अजीब या हल्की केमिकल जैसी गंध आती है। अगर चना खाते ही हल्की कड़वाहट या गला चुभने जैसा एहसास आए, तो यह स्टेल या मिलावटी हो सकती हैं। असली चना स्वाभाविक रूप से हल्की मिट्टी जैसी खुशबू देता है और उसका स्वाद नेचुरल तरीके से भुना हुआ लगता है, न कि किसी आर्टिफिशियल फ्लेवर के साथ।
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जब चने को थोड़ा पानी में डाला जाए, तो असली चने अपना रंग नहीं छोड़ते, जबकि मिलावटी या रंगे हुए चने पानी को हल्का पीला या भूरा हो सकते हैं। इसके अलावा ताजा भुना चना हल्का और क्रंची होता है, लेकिन पुराना चना कहीं-कहीं नरम, बासी या चिपचिपा लगता है। अगर दाने हाथ में दबाने पर टूटते नहीं बल्कि रबर जैसे लगते हैं, तो यह केमिकल प्रोसेसिंग या नमी के कारण होने वाली मिलावट हो सकता है। सेफ रहने के लिए हमेशा भरोसेमंद ब्रांड या विश्वसनीय स्थानीय दुकानों से ही भुना चना खरीदना चाहिए, ताकि आप रोजमर्रा के इस हेल्दी स्नैक को बिना डर के खा सकें।
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