
फूड डेस्क: चाहे नाश्ते के लिए हो या दोपहर के भोजन के लिए मसाला डोसा हमारा पसंदीदा साउथ इंडियन व्यंजन में से एक बन गया है। इसीलिए मसाला डोसा का नाम सुनते ही ज्यादातर लोगों के मुंह में पानी आने लगता है। हम चटनी, सांभर और मसाले के साथ कुरकुरे डोसा का स्वाद लेना पसंद करते हैं। अब ऐसे में अगर आप किसी रेस्तरां में गए और वहां आपको सांभर ही न दिया जाए तो आपको कैसा लगेगा? हर शहर में स्ट्रीट फूड के तौर पर आपको आसानी से मसाला डोसा मिल जाता है लेकिन आज हम एक रेस्तरां में मिलने वाले डोसा और उसके लिए जुर्माना की कहानी बता रहे हैं।
क्या है डोसा-सांभर और जुर्माना का पूरा मामला
बिहार के बक्सर में एक रेस्तरां उस समय मुश्किल में पड़ गया, जब उसने मसाला डोसा के साथ सांभर नहीं परोसा। क्योंकि बाद में रेस्टोरेंट के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया और 3500 रुपये जुर्माना भरने को कहा गया। जी हां ये कहानी एकदम सच्ची है कि खाने को लेकर एक रेस्तरां के मालिको को जुर्माना भरना पड़ा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना 15 अगस्त 2022 को हुई जब वकील मनीष गुप्ता अपना जन्मदिन मना रहे थे। वह बक्सर में 'नमक' नाम के एक रेस्तरां में गए और 140 रुपये में एक विशेष मसाला डोसा पैक करवाया। बाद में, उन्हें पता चला कि आमतौर पर उनके डोसे के साथ परोसा जाने वाला सांभर गायब था। उनके पूछने पर रेस्टोरेंट ने असंतोषजनक जवाब देते हुए कहा, 'क्या आप 140 रुपये में पूरा रेस्टोरेंट खरीदना चाहेंगे?' इसके बाद मनीष गुप्ता ने कार्रवाई करने का फैसला किया और जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कराई।
रेस्तरां के मालिक को देना पड़ा इतना जुर्माना
उपभोक्ता आयोग की डिवीजन बेंच ने बिहार रेस्टोरेंट को लापरवाही का दोषी पाया। उन्होंने 3,500 रुपये का जुर्माना लगाया जिसे दो भागों में विभाजित किया गया। यानि 1,500 रुपये मूल जुर्माना और 2,000 रुपये मुकदमा शुल्क के रूप में। उन्होंने एक आम आदमी की ओर से 'मानसिक, शारीरिक और आर्थिक' पीड़ा को पहचाना और इस प्रकार दंड को उचित ठहराया। वैसे आपको क्या लगता है डोसे के साथ सांभर कितना जरूरी है? क्या आपको लगता है कि रेस्तरां पर जुर्माना उचित था?
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