
Food Color Marks M: हर घर-परिवार और सर्कल में फूड चॉइस बेहद अलग-अलग होती है। कोई पूरी तरह शाकाहारी होता है, कोई मांसाहारी, तो कोई अंडा तो खाता है लेकिन मांस नहीं और अब तो विगन (Vegan) लाइफस्टाइल भी तेजी से पॉपुलर हो रही है। इसमें न दूध, न घी, न अंडा कुछ नहीं होता, ये सिर्फ और सिर्फ प्लांट-बेस्ड डाइट रहती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि हम जो खा रहे हैं, उसमें क्या है और वह हमारे शरीर के लिए कैसा है? इसलिए अगर आपने कभी ध्यान दिया हो, तो हर पैकेज्ड फूड आइटम के पैकेट पर एक छोटा सा रंगीन चिन्ह बना होता है जो कभी हरा, कभी लाल और कई बार नीला, पीला या काला भी होता है। ये रंग केवल डिजाइन या ब्रांडिंग के लिए नहीं होते, बल्कि ये आपकी सेहत और खाने की आदतों से जुड़ी अहम जानकारी देते हैं। तो आइए जानते हैं, इन सभी रंगों का सही मतलब और खासकर काले निशान को लेकर क्यों सावधान रहना जरूरी है।
अगर किसी पैकेट पर हरा गोला या चौकोर निशान बना हो, तो समझ लें कि वह प्रोडक्ट पूरी तरह शाकाहारी (Vegetarian) है। यानी उसमें न मांस है, न अंडा, न ही किसी भी तरह के जानवरों से निकली गई चर्बी है। शाकाहारियों के लिए यह सबसे भरोसेमंद संकेत है।
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अगर पैकेट पर लाल रंग का वही गोला या चौकोर निशान है, तो इसका मतलब है कि उसमें मांसाहारी एलिमेंट (Non-Veg) मौजूद हैं – जैसे मांस, मछली, अंडा या कोई अन्य एनिमल प्रॉडक्ट शामिल है। यदि आप शुद्ध शाकाहारी हैं, तो ऐसे उत्पादों से दूरी बनाए रखें।
नीला साइन दर्शाता है कि यह प्रोडक्ट किसी दवा या मेडिकल कंडीशन से रिलेटेड है। यानी यह सामान्य फूड नहीं बल्कि ऐसी चीज है, जो किसी मेडिकल कंडीशन में उपयोग की जाती है और डॉक्टर की सलाह के बिना इसका उपयोग नहीं करना चाहिए। इसमें आपको सप्लीमेंट्स और न्यूट्रास्युटिकल्स मिलते हैं।
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अगर किसी प्रोडक्ट में अंडा (Egg) शामिल है लेकिन मांस नहीं, तो उस पर पीला निशान लगाया जाता है। ऐसे लोग जो अंडा नहीं खाते, उनके लिए यह जानकारी बहुत जरूरी है। अक्सर बिस्किट्स, केक, ब्रेड आदि में अंडा होता है इसलिए इस निशान को देखकर ही इसे खरीदें।
काला निशान सबसे महत्वपूर्ण और चेतावनी देने वाला साइन माना जाता है। इसका मतलब होता है कि उस फूड आइटम में बहुत मात्रा में केमिकल्स, फ्लेवरिंग एजेंट्स, प्रिजर्वेटिव्स और आर्टिफिशियल रंग मिलाए गए हैं। इससे फूड को ज्यादा स्वादिष्ट, रंगीन और लंबे समय तक टिकाऊ बनाते हैं लेकिन ये सेहत के लिए खतरनाक हो सकते हैं। एक्सपर्ट का मानना है कि लंबे समय तक ऐसे फूड्स का सेवन करने से पाचन तंत्र, लिवर और किडनी पर असर पड़ सकता है। इससे भविष्य में मोटापा, डायबिटीज, हार्मोनल असंतुलन और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।