
सर्दियों आते ही घरों में गाजर का हलवा बनना शुरू हो जाता है। आपने ज्यादातर लाल गाजर का हलवा बनाया होगा। अगर आप लखनऊ या उत्तर प्रदेश के आसपास रहते हैं, तो आपको काली गाजर का हलवा भी बनाकर ट्राई करना चाहिए। यह भी लाल गाजर जितनी ही स्वादिष्ट होती है और शरीर सेहतमंद बनाती है। काली गाजर को बनाने का तरीका लाल गजर से कुछ अलग होता है। शैफ रणबीर बरार ने काली गाजर को बनाने के कुछ सिंपल टिप्स बताएं हैं, जिनका इस्तेमाल कर आप स्वादिष्ट स्वीट डिश विंटर में बना सकती हैं। तो आइए जानते हैं कि काली गाजर का हलवा बनाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
लाल गजर की अपेक्षा काली गाजर देर से पकती है इसलिए आपको कद्दूकस की हुई काली गाजर को घी में पकाने के बजाय प्रेशर कुकर का इस्तेमाल करना चाहिए। आप कूकर में कद्दूकस की हुई काली गाजर डालें और उसमें आधा गिलास दूध डालकर करीब 3 से 4 सिटी तक लगाएं। ऐसा करने से काली गाजर पक जाएगी और उसे घी में पकाना बेहद आसान हो जाएगा। कुछ लोग काली गाजर को बिना कद्दूकस किये कूकर में पका लेते हैं और उसके बाद घी में चलाते हैं, जिससे कि उसके स्वाद में अंतर आ जाता है।
कुकर में उबली गाजर को अब आपको घी में पकाना है लेकिन बीच में शक्कर डालने की भूल न करें। अगर आप पहले ही शक्कर डाल देंगे, तो गाजर पकने की प्रक्रिया रुक जाएगी। अगर हलवा स्वादिष्ट बनाना है, तो गाजर अच्छी तरीके से घी में पकाने के बाद ही उसमें शक्कर मिलाएं।
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शेफ रणबीर बरार बताते हैं कि अगर काली गाजर का हलवा आपको स्वादिष्ट बनाना है, तो उसमें तीन सीक्रेट इंग्रेडिएंट्स जरूर डालें। गाजर में शक्कर डालने के बाद आप उसमें थोड़ी मात्रा में नमक, एक चम्मच शहद और तीन बूंद सिरका मिला लें। ऐसा करने से काली गाजर का हलवा बेहद स्वादिष्ट बन जाएगा। हलवे में थोड़ी सी खटास इसका स्वाद दोगुना कर देती है।
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