
दिवाली आने वाली और अगर आप मिठाई खाने के शौकीन हैं, तो काजू कतली आपके फेवरेट्स लिस्ट में जरूर होगी। लेकिन आज के समय में हलवाई की दुकान पर मिलने वाली काजू कतली की कीमत 900 से 1000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। ऐसे में हर त्योहार पर इसे खरीदना जेब पर भारी पड़ है, इसलिए बाजार से खरीदे हुए काजू कतली को मन भर खा भी नहीं सकते। लेकिन आज हम आपके लिए एक ऐसी रेसिपी लाए हैं जिससे आप इसे घर पर सिर्फ 400 रुपये में बना सकते हैं- वो भी बिल्कुल हलवाई जैसी स्वादिष्ट, मुलायम और चमचमाती!
काजू कतली बनाने की असली कला इसके काजू के पेस्ट और चीनी की चाशनी एकदम परफेक्ट रेसियो है। सबसे पहले काजू को 2-3 घंटे के लिए फ्रिज में रखकर ठंडा कर लें। ऐसा करने से इससे पीसते समय तेल नहीं निकलता और पाउडर स्मूद बनता है। अब इन्हें मिक्सी में डालकर बारीक पाउडर बना लें, ध्यान रहे कि इसे ज्यादा देर तक न चलाएं वरना काजू में से ऑयल निकल आएगा और पेस्ट बन जाएगा।
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चाशनी बनाने के लिए एक पैन में आधा कप पानी और आधा कप चीनी डालें। इसे धीमी आंच पर पकाएं जब तक कि इसमें एक तार की चाशनी तैयार न हो जाए। यही वो स्टेप है जो आपकी कतली को हलवाई जैसा टेक्सचर देगा। अब गैस धीमी रखें और काजू पाउडर डालकर लगातार चलाते रहें ताकि कोई गुठली न बने। मिश्रण जब गाढ़ा होकर पैन छोड़ने लगे, तो गैस बंद कर दें।
अब इस मिक्सचर को बटर पेपर या घी लगी प्लेट पर निकालें। जब थोड़ा ठंडा हो जाए, तो हाथों में थोड़ा घी लगाकर इसे अच्छे से गूंथ लें। अब बेलन से हल्का बेलें और चाकू से डायमंड शेप में काट लें। ऊपर से सिल्वर वर्क लगाकर इसे सेट होने दें। कुछ ही मिनटों में आपकी हलवाई स्टाइल काजू कतली तैयार है।
1 किलो काजू की कीमत लगभग 800 रुपये होती है, लेकिन काजू कतली बनाने के लिए आपको सिर्फ 250-300 ग्राम काजू चाहिए होते हैं। चीनी, घी, और सिल्वर वर्क मिलाकर कुल खर्च 400 रुपये के अंदर ही आता है। सबसे बड़ी बात- इसमें कोई प्रिजर्वेटिव नहीं होता, इसलिए स्वाद और हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है। आप चाहें तो काजू के साथ थोड़ा मूंगफली को रोस्ट करके उसका छिलका निकाल लें और उसे भी पीसकर काजू पाउडर के साथ मिला सकते हैं, यह काजू के मात्रा को बढ़ा भी देगी और स्वाद भी नहीं बदलेगा। ध्यान रखें की मूंगफली के दाने एक चौथाई से भी कम हो वरना हलवाई वाला स्वाद नहीं आ पाएगा।
बहुत से लोग काजू को पानी में भिगोते हैं,लेकिन काजू को कभी भी पानी में न भिगोएं, नहीं तो उसका पाउडर स्मूथ नहीं बनेगा। चाशनी का एक तार स्टेज पर ध्यान दें, इससे ही कतली का टेक्सचर तय होता है, कड़क चाशनी से काजू कतली कठोर बनती है। मिश्रण को ज्यादा पकाने से कतली सख्त हो सकती है, इसलिए जैसे ही पैन से छोड़ने लगे, गैस बंद करें और गूंथकर मिठाई बनाएं। कतली बेलते समय उस पर क्लिंग फॉइल या बटर पेपर रखें ताकि वह बेलन से चिपके नहीं।
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