
Guru Purnima Traditional Recipe: गुरु पूर्णिमा या अषाढ़ी आज देशभर में मनाई जा रही है। अषाढ़ी के दिन पारंपरिक घरों में पारंपरिक भोजन बनता है। गुरु पूर्णिमा के दिन बनने वाला भोजन सात्विक होता है और इसका भोग भी लगाया जाता है। अगर अब तक आपने गुरु पूर्णिमा या अषाढ़ी के दिन पारंपरिक भोजन नहीं बनाया है तो यहां पर हम आपको कुछ डिश बता रहे हैं, जिन्हें आप बना कर परिवार को खिला सकती हैं। भोजन की थाली में रखी चार डिश खाने का स्वाद बदल देंगी।
आप अषाढ़ी के दिन उड़द दाल की कचौड़ी बनाएं। कचौड़ी बनाने के लिए धुली उड़द दाल को रातभर के लिए भिगो दें। फिर सुबह दाल को दरदरा पीस लें। कड़ाही में तेल गर्म करें और जीरा, हरी मिर्च, हींग मिलाएं। फिर स्वादानुसार नमक मिलाकर गैस बंद कर दें। ढीला आटा गूथ लें और दाल भरकर बेले। गरम तेल में कचौड़ी फ्राई कर लें।
आषाढ़ी के दिन पारंपरिक भोजन में आटे का शीरा भी शामिल है। आटे का शीरा बनाने के लिए एक कढ़ाई में दो चम्मच घी गर्म करें। अब उसमें आधा कटोरी गेहूं का आटा डालें और हल्का भूरा होने तक भूनें। आप स्वादानुसार पिसी चीनी मिलाएं और कढ़ाई बंद कर दें।फिर ठंडा होने पर दूध मिलाएं। जब आटे के साथ दूध अच्छी तरीके से मिल जाए तो फिर से गैस को ऑन कर दें और हल्का चलाएं। आपको दूध इतना मिलाना है कि शीरा पतला हो जाए। स्वाद बढ़ाने के लिए आप इलायची और कुछ ड्राई फ्रूट्स मिला सकते हैं।
चावल की खीर का भोग गुरु पूर्णिमा के दिन लगाया जाता है। चावल की स्वादिष्ट खीर बनाने के लिए आप कंडेंस्ड मिल्क का इस्तेमाल जरूर करें। चावल को आधे अंधे के लिए पानी में भिगो दें। फिर क्रीम मिल्क को गर्म करें और भीगे चावल मिलाएं। आंच धीमी कर दें और चावल को पकाएं। फिर कंडेंस्ड मिल्क मिलाएं ताकि खीर गाढ़ी बने। स्वादानुसार शक्कर मिलाएं और ड्राई फ्रूट्स से सजाएं।
गुरु पूर्णिमा के दिन कचौड़ी के साथ अरबी की सब्जी बनाने का चलन नॉर्थ इंडिया है। अरबी या घुइया को उबाल लें। फिर एक कड़ाही में तेल गर्म करें। अजवाइन और जीरा डालकर हरी मिर्च डालें। फिर हल्दी डालें और उबली अरबी को डालकर मिक्स करें। आप अपनी पसंद के मसाले और नमक मिला लें। हरी धनिया के साथ सब्जी सर्व करें।