Buttocks Surgery ने ली 22 साल की लड़की की जान, सुंदर हिप्स की चाहत वालीं गर्ल्स जान लें Side Effects

Buttocks Surgery Side Effects: लड़की की सुंदर बनने की चाहत में उसकी जान चली गई। रिपोर्टों के अनुसार, लड़की को सुंदर हिप्स चाहिए थे और इसीलिए वो सर्जरी करना पहुंची थी लेकिन बीच ऑपरेशन के दौरान ही लड़की की मौत हो गई है।

 

हेल्थ डेस्क: आजकल सुंदर दिखना हर लड़की की चाहत होती जा रही है। इसके लिए युवा कई बड़े-बड़े बॉडी ट्रांसफॉर्मेशन स्टेप उठा लेते हैं। यहां तक कि लड़कियां चेहरे से लेकर कई बॉडी पार्ट्स की सर्जरी करवाने से भी नहीं घबराती हैं। अब हाल ही में एक लड़की की सुंदर बनने की चाहत में उसकी जान चली गई। रिपोर्टों के अनुसार, लड़की को सुंदर हिप्स चाहिए थे और इसीलिए वो सर्जरी करना पहुंची थी लेकिन बीच ऑपरेशन के दौरान ही लड़की की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि एक अयोग्य ब्यूटीशियन द्वारा की गई नितंब वृद्धि सर्जरी के दौरान 22 साल की लड़की मीका शबासोवा की जान चली गई। इस ब्यूटीशियन को उस मृत लड़की का दोस्त बताया जा रहा है।

ब्यूटीशियन ने 2 सप्ताह पहले किया था सर्जरी कोर्स

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मिरर ने बताया कि कॉस्मेटोलॉजिस्ट उमा एम के घर पर प्रक्रिया के लिए स्थानीय एनेस्थीसिया दिए जाने के कुछ ही मिनट बाद मिका शबासोवा की मृत्यु हो गई, जिन्हें अब पुलिस ने घर में नजरबंद कर दिया है। पुलिस का कहना है कि ब्यूटीशियन ने अभी-अभी सर्जरी का 2 सप्ताह का कोर्स पूरा किया था, लेकिन उसके पास सर्जरी करने का लाइसेंस नहीं था। ‌रिपोर्टों के मुताबिक, किसी भी एलर्जी से बचने के लिए मीका को बार-बार लिडोकेन से एनेस्थेटाइज किया गया था, इससे पहले कि उनमें परेशानी के लक्षण दिखने लगे। मीका के दोस्तों के मुताबिक, वह पहले भी होंठ, नाक और ठुड्डी की सर्जरी करा चुकी हैं।

Buttock Surgery: बट इंप्लांट क्या है? 

जो लोग अपने हिप्स में वॉल्यूम चाहते हैं, उनके लिए सर्जरी द्वारा नितंब क्षेत्र पर प्रत्यारोपण लगाए जाते हैं। ग्लूटियल ऑग्मेंटेशन के रूप में भी जानी जाने वाली यह प्रक्रिया बेहद लोकप्रिय है, खासकर मशहूर हस्तियों के बीच। अमेरिकन सोसाइटी ऑफ प्लास्टिक सर्जन के अनुमान के अनुसार, साल 2000 और 2020 के बीच हिप साइज सर्जरी में 252 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बट फिलर्स में आमतौर पर बट लिफ्ट, प्रत्यारोपण और वसा ग्राफ्टिंग शामिल होते हैं।

Buttock Surgery में रिस्क क्या हैं?

डॉक्टरों के अनुसार, यह प्रक्रिया सिलिकॉन की मदद से की जाती है जिसे सर्जरी द्वारा बट के बीच एक चीरा लगाकर नितंबों में लगाया जाता है। इसे फैट ग्राफ्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। इस प्रक्रिया में सर्जरी से ठीक होने में लगभग चार सप्ताह लगते हैं। हालांकि बट इम्प्लांट सर्जरी को ज्यादातर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसमें बहुत सारे जोखिम शामिल हैं और अधिकतर साइड इफेक्ट्स भी हैं।

  1. सर्जरी के बाद अत्यधिक ब्लीडिंग
  2. सर्जरी के बाद खूब दर्द होना 
  3. झुलसी त्वचा का डिसकलरेशन
  4. संक्रमण की संभावना 
  5. नितंबों के नीचे फ्लूइट जमा होना 
  6. सर्जरी में एलर्जी 
  7. एनेस्थीसिया के साइड इफेक्ट के रूप में मतली और उल्टी का मन

विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ मामलों में सिलिकॉन इम्प्लांट हिल सकते हैं या अपनी जगह से खिसक सकते हैं, जिससे व्यक्ति के नितंबों में असमान उपस्थिति हो जाती है जिसे ठीक करने के लिए फिर से सर्जरी की आवश्यकता होगी।

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