रांची की रहने वाली 48 साल की महिला उल्टी और किडनी की समस्या के बाद हॉस्पिटल में भर्ती हुई। पता चला कि उसकी किडनी फेल हो गई है। महिला ने बताया कि उसने एक हकीम के कहने पर डायबिटीज को ठीक करने के लिए मछली का कच्चा पिताशय खाया था।
हेल्थ डेस्क. कहते हैं नीम हकीम खतरे में जान...ये कहावत सच साबित हुई है। किडनी फेल होने का एक गंभीर मामला दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल से सामने आया है। यहां पर 48 साल की सीता देवी को उल्टी और किडनी प्रॉब्लम्स की वजह से भर्ती कराया गया था। रांची की रहने वाली सीता देवी ने बताया कि वो डायबिटीज से पीड़ित है। एक हकीम के कहने पर उन्होंने रोहू मछली का कच्चा पित्ताशय खाया था, ताकि डायबिटीज का इलाज हो जाए। हकीम की बात मानना उनके लिए जालेवा साबित हुआ।
कच्चा मछली के पित्ताशय खाने से किडनी में आई सूजन
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो महिला ने बताया कि देसी इलाज अपनाने के कुछ दिन बाद उन्हें जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्या शुरू हुई। लगातार स्थिति खराब होते देखकर फैमिली ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। मेडिकल जांच में किडनी की समस्या का पता चला। जिसके बाद हेमोडायलिसिस के दो सेशन किए गए। 2 हफ्ते बाद रिकवरी महिला की किडनी बायोप्सी में गंभीर सूजन का पता चला। जिसके बाद सीता देवी की हालत सुधारने के लिए स्टेरॉयड के हाईडोज दिए गए। महिला को ठीक होने में करीब दो सप्ताह का वक्त लगा। इसके बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
कई जगह पर देसी इलाज में मछली को किया जाता है शामिल
भारत और एशिया के कई जगहों पर अस्थमा, डायबिटीज, आंखों से जुड़ी बीमारी और आर्थराइटिस के लिए देसी इलाज के तौर पर मछली का पित्ताशय आजमाया जाता है। रोहू मछली और कतला जैसी मछलियों को कच्चा खाने के लिए रोगियों को दिया जाता है। कई जगह पर कच्चा मछली निगलने के लिए दिया जाता है। लेकिन कई बार इस तरह का इलाज जानलेवा साबित होता है। कच्चा मछली का पित्ताशय खाने से किडनी पर असर पड़ता है।
ऐसे पहुंचता है किडनी को नुकसान
इसे खाने से हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम में उच्च मात्रा में बाइल (पित्त) का उत्पादन होता है।पित्त में साइप्रिनॉल नाम का एक का जहरीला तत्व होता है जो किडनी को डैमेज कर देता है। कई बार किडनी फेल होने के भी मामले सामने आते हैं जिसकी वजह से मौत हो सकती है।
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