
Lime Water for Bone Strength: क्या आपने कभी गौर किया है कि मजदूर या खेत में काम करने वाले लोग कितने मजबूत होते हैं? वे न तो रोज दूध, मक्खन या पनीर खाते हैं और न ही कैल्शियम से भरपूर सप्लीमेंट लेते हैं, फिर भी उनकी हड्डियां इतनी मजबूत क्यों होती हैं? इसका राज छिपा है एक साधारण लेकिन चमत्कारी तत्व चूना में। अक्सर इसे हम पान या कत्थे में इस्तेमाल होते देखते हैं, लेकिन डॉ. मनीषा शरद तोलवाला के अनुसार अगर इसे सही मात्रा और तरीके से लिया जाए, तो यह शरीर की हड्डियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
चूना यानी कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने का एक बेहद असरदार नेचुरल उपाय है। डॉ. मनीषा बताती हैं कि मजदूर वर्ग अक्सर पान में कत्था और चूना मिलाकर खाते हैं, जो उसके शरीर के कैल्शियम की जरूरत पूरी करता है। यह कैल्शियम न केवल हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि शरीर के छोटे-छोटे जोड़ों और मांसपेशियों में भी मजबूती लाता है।
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डॉ. मनीषा शरद तोलवाला के अनुसार, रात में एक चावल के दाने के बराबर मात्रा में चूना लें और उसे 3 टेबल स्पून पानी में भिगो दें। इसे रातभर ऐसे ही रहने दें और सुबह उस पानी को पी लें। यह मात्रा बहुत कम है, लेकिन इसका प्रभाव बहुत गहरा होता है। शरीर के अंदर जाकर यह कैल्शियम धीरे-धीरे हड्डियों के पोर्स को भर देता है और उन्हें मजबूत बनाता है।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियों में छोटे-छोटे पोर्स बनने लगते हैं, जिससे उनका घनत्व घट जाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। चूना का यह नेचुरल कैल्शियम उन पोर्स को भरकर हड्डियों की मजबूती वापस लाता है। इसके साथ यह जोड़ों के दर्द, कमर दर्द और दांतों की कमजोरी को भी कम करता है। लगातार कुछ हफ्तों तक इसका सेवन करने पर शरीर में नई ऊर्जा और मजबूती का अनुभव हो सकता है।
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चूना सिर्फ हड्डियों के लिए नहीं, बल्कि पाचन और इम्यूनिटी के लिए भी अच्छा माना जाता है। यह पेट में एसिड बैलेंस बनाए रखता है और गैस, एसिडिटी या कब्ज जैसी समस्याओं को भी कंट्रोल करता है। इतना ही नहीं, इसका हल्का एलकलाइन प्रभाव शरीर में टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में भी मदद करता है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
हालांकि चूना बेहद फायदेमंद है, लेकिन इसकी मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। एक चावल के दाने से अधिक मात्रा शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। इसे कभी सीधे मुंह में या बिना पानी के नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह एसिडिक सतह पर जलन पैदा कर सकता है। हमेशा इसे डॉक्टर या आयुर्वेद एक्सपर्ट की सलाह से ही इसका उपयोग करें।