Breast cancer की होती है इतनी तरीके से जांच, जल्द डायग्नोसिस बचा लेता है जान

Breast cancer diagnosis: ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती लक्षण दिखते ही अगर जांच करा ली जाए तो जानलेवा बीमारी से जान बचाई जा सकती है। स्तन कैंसर की जांच के लिए डॉक्टर कई प्रकार के टेस्ट करते हैं। 

rohan salodkar | Published : Jun 28, 2024 10:55 AM IST / Updated: Jun 28 2024, 04:27 PM IST

हेल्थ डेस्क: स्तन या फिर ब्रेस्ट में थोड़ा सा भी बदलाव दिखने पर उसे नज़रअंदाज करने की भूल भारी पड़ सकती है। अगर एक स्तन दूसरे स्तन से छोटा दिखे या फिर ब्रेस्ट में लंबे समय तक दर्द और सूजन रहे तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना चाहिए। जानिए ब्रेस्ट कैंसर होने पर कौन-सी जांच की जाती हैं। 

फिजिकल एक्जामिनेशन (Physical Examinations)

डॉक्टर ब्रेस्ट कैंसर की आशंका होने पर सबसे पहले फिजिकल एक्जामिनेशन या मैमोग्राफी करते हैं। मैमोग्रीफी ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए जरूरी डायग्नोस्टिक टूल है। X-rays की कम डोज की मदद से एब्नॉर्मल टिशू की पहचान की जाती है।

ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड(Breast ultrasound)

इमेजिंग टेस्टिंग या ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड की मदद से ब्रेस्ट के की इंटरनल पिक्चर ली जाती है। मैमोग्राफी में जो हिस्सा डायग्नोज नहीं हो पाता है वो ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड की मदद से पता चल जाता है।

ब्रेस्ट बायोप्सी (Breast biopsy)

स्तन में कुछ असामान्य गांठ या अन्य लक्षण दिखते हैं तो डॉक्टर बायोप्सी निडिल की मदद से ब्रेस्ट टिशू लेते हैं और फिर जांच की जाती है। किसी खास एरिया में कैंसर की जांच के लिए ब्रेस्ट बायोप्सी की जाती है।

ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए MRI स्कैन

ब्रेस्ट टिशू की क्लीयर पिक्चर के लिए डॉक्टर MRI स्कैन कराने की सलाह दे सकते हैं। ब्रेस्ट कैंसर MRI के दौरान मैग्नेट, रेडियो वेव का इस्तेमाल किया जाता है। MRI स्कैन के दौरान X-rays का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

इम्यूनोहिस्टोकैमिस्ट्री (Immunohistochemistry)

कैंसर की संभावना होने पर डॉक्टर टिशू सैंपल लेकर एंटीबॉडीज की मदद से एंटीजन की जांच करते हैं। IHC की मदद से कैंसर ट्रीटमेंट के रिस्पॉन्ट के बारे में भी पता चलता है।

अगर कैंसर पहले स्टेज में डायग्नोज हो जाता है तो डॉक्टर तुरंत ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं। शुरुआती ब्रेस्ट कैंसर को ट्रीटमेंट की मदद से ठीक किया जा सकता है। अगर कैंसर तीसरे स्टेज में पहुंच जाता है तो मामला गंभीर हो सकता है।

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