Covid-19 के साथ ही भारत में बढ़ गया इन 8 बीमारियों का खतरा, चौथी लहर आई तो रहे अलर्ट
हेल्थ डेस्क : भारत में एक बार फिर कोरोनावायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है और ये चौथी लहर की ओर इशारा कर रही है। ऐसे में हम आपको बताते आठ बीमारियां जो कोविड-19 के बाद सबसे ज्यादा भारतीयों में पाई गई...
Deepali Virk | Published : Apr 9, 2023 9:24 AM IST
क्रॉनिक डिसीसिस का खतरा
क्रॉनिक डिजीज जैसे कैंसर, हृदय रोग, किडनी डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा कोरोनावायरस के बाद बहुत ज्यादा बढ़ गया और पहले से इससे पीड़ित लोगों में गंभीर समस्याएं देखी जा रही है।
मानसिक बीमारी
मेंटल डिसीसिस जैसे- डिप्रेशन, चिंता, याददाश्त कम होना, कंसंट्रेशन का कम होना कोरोना वायरस के बाद बहुत आम देखा जा रहा है। यह कोविड के दौरान 2 साल तक अलग थलग रहने से और आर्थिक संकट के कारण सबसे ज्यादा पाया गया।
हार्ट अटैक
कोरोना वायरस अटैक के मामले सबसे ज्यादा सामने आए हैं और कई सारे लोगों ने हार्टअटैक के चलते अपनी जान भी गंवाई है। जिसमें कई सेलेब्स भी शामिल हैं।
सांस संबंधी परेशानी
कोरोना वायरस सांस संबंधी परेशानी जैसे- लंबे समय तक खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में जकड़न यह कंडीशन सबसे ज्यादा पाई गई और इसे ठीक होने में भी बहुत समय लग रहा है।
ब्लड प्रेशर
कोविड के बाद गई गई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। सभी आयु वर्ग के लोगों के बीच में हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी चिंताजनक है।
डायबिटीज
कोरोना वायरस के मरीजों में डायबिटीज समेत कई बीमारी होने का खतरा ज्यादा पाया गया है और जो लोग पहले से ही डायबिटीज से पीड़ित थे उन्हें इसके बाद कई समस्याएं हुई।
अस्थमा
अस्थमा से पीड़ित लोगों को कोरोना वायरस के कारण कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ा। बलगम के साथ जो खांसी हुई उसे ठीक होने में काफी समय लगने लगा और सांस लेने में भी समस्या होने लगी।
जोड़ों और मांसपेशियां का दर्द
कोरोनावायरस के बाद से ही अधिकतर लोगों में मांसपेशियों में जकड़न, हाथ पैरों में दर्द जैसी समस्याएं सबसे आम तौर पर देखी गई है।