सार

देश में एक बार फिर से कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शुक्रवार यानी 7 अप्रैल को सामने आए आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 6050 केस सामने आए हैं। जो बीते दिनों मिले नए केसों से करीब 13 फीसदी ज्यादा है। सवाल क्या कोरोना की चौथी लहर आने वाली है।

हेल्थ डेस्क.भारत में लगातार कोरोना केस (corona cases)बढ़ रहे हैं। बीते 24 घंटे में 6050 केस सामने आए हैं। जो पिछले दिनों आए नए केस से 13 प्रतिशत ज्यादा है। ऐसे में कोरोना की चौथी लहर के आने की आशंका जताई जाने लगी है। पिछले साल सितंबर के बाद ये अबतक का सबसे ज्यादा आने वाले केस हैं। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो अगले 20 दिनों में कोरोना अपने चरम पर हो सकता है।

क्या कोरोना की चौथी लहर आएगी सामने

हालांकि एक्सपर्ट चौथी लहर से इंकार कर रहे हैं। इंडिया टुडे से बातचीत में कोरोना विशेषज्ञ डॉ रघुविंदर पाराशर ने कहा कि चौथी लहर नहीं आने वाली है। उन्होंने बताया कि पिछले रुझानों के अनुसार कोरोना 15-20 दिनों के भीतर पीक होगा और फिर इसमें गिरावट की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछली लहर से कोविड 19 के पैटर्न में अंतर को समझना जरूरी है। ये हमें वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद कर सकता है।

कितना खतरनाक होगा कोरोना?

वहीं, न्यूज 18 से बातचीत में जीवविज्ञानी शेखर मांडे ने कहा कि कोविड मामलों में उछाल इसके नए वेरिएंट की वजह से है। उन्होंने कहा कि वक्त के साथ हमारी इम्यूनिटी (Immunity) कम हो सकती है। हो सकता है यह एक वैक्सीन ब्रेकथ्रू म्यूटेंट हो। बावजूद इसके पिछले लहर की तरह इस बार अस्पताल में भर्ती या मौतें नहीं होंगे। यह लहर विनाशकारी नहीं होगी। कोरोनावायरस सबवैरिएंट, XBB.1.16 के मामलों में बढ़ोतरी की वजह बताया जा रहा है।

बढ़ते केस पर केंद्र सरकार गंभीर

बता दें कि दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोरोना के 733 केस दर्ज हुए हैं। जबकि दो लोगों की मौत हुई है।महाराष्ट्र में शुक्रवार को कोरोना के 926 नए केस दर्ज हुए। वहीं तीन लोगों की मौत इसकी वजह से हो गई। हिमाचल में शुक्रवार को 108 नए केस सामने आए।राजस्थान में 122 केस दर्ज किए गए। कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए केंद्र सरकार गंभीर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि सभी अस्पतालों के इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थिति को जांचने के लिए 10 और 11 अप्रैल को देशभर में कोरोना की मॉकड्रिल होगी।

और पढ़ें:

खुशबू सुंदर हुईं हॉस्पिटलाइज, हो गई ऐसी हालत, तेज बुखार और दर्द को ना करें नजरअंदाज

World Health day: हर साल 7 अप्रैल को ही क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हेल्थ डे, जानें इसके पीछे का इतिहास