स्ट्रोक के रोगियों को जल्द किया जा सकता है ठीक, इस स्टडी से शोधकर्ताओं के हाथ लगा इलाज का सटीक तरीका

स्ट्रोक को ब्रेन का दौरा भी कहा जाता है। इसे आने से मौत भी हो सकता है। स्ट्रोक अक्सर साइलेंट रहते हैं। लेकिन कुछ संकेतों के जरिए इसे पहचाना जा सकता है। इतना ही नहीं स्ट्रोक आने के बाद तुरंत इलाज मिले तो मरीज की जान भी बचाई जा सकती है।

हेल्थ डेस्क. स्ट्रोक संयुक्त राज्य अमेरिका और इंटरनेशलन लेबल पर मौत की प्रमुख वजहों में से एक है। स्ट्रोक को कई इनवर्मेंट और बायोलॉजिकल कारण प्रभावित करते हैं। स्ट्रोक को लेकर अलह-अलग रिसर्च किए जा रहे हैं। मास जनरल ब्रिघम हेल्थकेयर सिस्टम के संस्थापक सदस्य और ब्रिघम और महिला अस्पताल के जांचकर्ताओं के नेतृत्व में एक न्यू स्टडी की गई। इसमें स्ट्रोक का शिकार हो चुके लोगों के सेरेब्रल रक्त प्रवाह (सीबीएफ) रेगुलेशन का विश्लेषण किया गया।

स्टडी से स्ट्रोक के शिकार हो चुके मरीजों का इलाज संभव

Latest Videos

टीम ने पाया कि सेरेब्रल ऑटोरेग्यूलेशन (सीए) मस्तिष्क को पर्याप्त रक्त की आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रमुख प्रक्रियाओं में से दोपहर की तुलना में रात के वक्त और सुबह के समय अधिक अवक्रमित विनियम के साथ रोगियों में एक दैनिक लय को दिखाता है। स्टडी को जर्नल ऑफ सेरेब्रल ब्लड फ्लो एंड मेटाबॉलिज्म में पब्लिश किया गया। इस स्टडी से स्ट्रोक के शिकार हो चुके मरीज की देखभाल आसान हो सकता है।

दोपहर का वक्त सर्जरी और एक्सरसाइज के लिए होगा सही

स्टडी के लेखक कुन हू ने कहा कि स्ट्रोक के बाद की जाने वाली देखभाल के लिए ज्यादा सतर्क होना पड़ता है। हमारे स्टडी में पता चला है कि स्ट्रोक के रोगियों में सीबीएफ रेगुलेशन की डेली रिदम किसी व्यक्ति की गतिविधि और स्ट्रोक रिकवरी को मैनेज करने में सहायक हो सकती है।इस स्टडी से स्ट्रोक के बाद सर्जरी और एक्सरसाइज दोपहर के दौरान करना ज्यादा सही होगा। क्योंकि तब डानेमिक सीए अधिक प्रभावी ढंग से काम करता है। सामान्य मस्तिष्क के काम के लिए स्थिर सीबीएफ जरूरी होता है। सीबीएफ में परिवर्तन कपाल के दबाव (cranial pressure) और मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

कब होता है स्ट्रोक

जब दिमाग के हिस्से में खून की सप्लाई जरूरत के अनुसार नहीं हो पाती है, या रक्त वाहिका इसे अंदर फट जाती है तब स्ट्रोक आता है। स्ट्रोक अक्सर साइलेंट रहे हैं।

स्ट्रोक को रोकने के लिए करें ये काम

एक हेल्दी लाइफस्टाइल स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है। फल, सब्जियां और साबुत अनाज को डाइट में शामिल करना चाहिए। नमक कम खाना चाहिए। अधिक नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है जिसके वजह से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर करते हैं तो तुरंत बंद कर देना चाहिए। इसके साथ हर दिन वर्कआउट को अपने रूटीन में जरूर शामिल करें।

और पढ़ें:

हार्ट ही नहीं...दांतों को भी इन 5 तरीकों से तनाव पहुंचाता है नुकसान, ऐसे रखें ख्याल

आलिया भट्ट ने बताया अपने खूबसूरत त्वचा का राज, सुबह उठने से लेकर सोने तक ऐसे करती हैं स्किन केयर

 

Share this article
click me!

Latest Videos

Year Ender 2024: Modi की हैट्रिक से केजरीवाल-सोरेन के जेल तक, 12 माह ऐसे रहे खास
Bihar Hajipur में गजब कारनामा! Male Teacher Pregnant, मिल गई Maternity Leave
चुनाव नियमों में बदलाव को कांग्रेस की Supreme Court में चुनौती, क्या है पूरा मामला । National News
Kazakhstan Plane Crash: प्लेन क्रैश होने पर कितना मिलता है मुआवजा, क्या हैं International Rules
Shimla Snowfall: शिमला में बर्फ ही बर्फ, नजारे ऐसे की चौंक जाएंगे आप #Shorts