
Acute pneumonia symptoms: हिंदी फिल्म एक्टर और प्रोड्यूसर धीरज कुमार की मंगलवार को निमोनिया के कारण मृत्यु हो गई। उनकी उम्र 80 वर्ष थी। निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो सुनने में भले ही साधारण लगे लेकिन अगर ध्यान ना दिया जाए तो यह व्यक्ति की जान भी ले सकती है। आईए जानते हैं कि आखिर एक्यूट निमोनिया क्या है और कैसे यह शरीर को बहुत ज्यादा बीमार कर देती है।
निमोनिया एक प्रकार का संक्रमण है जो फेफड़ों में बैक्टीरिया, वायरस या फिर फंगस के कारण होता है। संक्रमण के कारण फेफड़े के ऊतक डैमेज हो जाते हैं और उनमें तरल पदार्थ या मवाद भर जाता है। डॉक्टर की मानें तो बैक्टीरियल निमोनिया आमतौर पर वायरल निमोनिया से ज्यादा गंभीर होता है। कई मामलों में बैक्टीरियल निमोनिया कई बार अपने आप ठीक हो जाता है। निमोनिया एक या दोनों फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। अगर किसी व्यक्ति में दोनों फेफड़ों में निमोनिया हुआ है तो इस डबल निमोनिया कहा जाता है।
एक्यूट निमोनिया तब होता है जब इम्यून सिस्टम फेफड़ों की छोटी-छोटी थैलियों में हमला शुरू कर देता है। इसके बाद धीरे-धीरे और तरल पदार्थ बहने लगता है। बैक्टीरिया, वायरस और फंगस ऐसे संक्रमण पैदा करते हैं। वयस्कों में बैक्टीरिया नियोनिया का सबसे आम कारण होता है। वहीं छोटे बच्चों में वायरस के कारण निमोनिया होता है।
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निमोनिया होने पर व्यक्ति में हल्के से गंभीर लक्षण दिख सकते हैं। छोटे बच्चों से लगाकर वृद्ध तक में निमोनिया के अलग-अलग लक्षण दिखते हैं।
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