
Motherhood Care Tips: मां बनना एक सौभाग्य की बात होती है। लेकिन यह काफी चुनौतीपूर्ण भी है। सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है, जब घर के बड़े-बुजुर्ग अलग-अलग तरह के सलाह देते हैं। ये करो, ये मत करो..ये खाओं वो मत खाओं। ऐसे में न्यूली मदर को समझ ही नहीं आता है कि क्या सही है और क्या गलत। बच्चे को जन्म देने के बाद नई मां को ब्रश करने से मना किया जाता है, ये बोलकर कि दांत कच्चे हैं..टूट जाएंगे। 10 दिन तक नहाने से मना किया जाता है, शरीर कमजोर है।
गायनोलॉजिस्ट डॉ. शेफाली दाधी तुनगरिया के सामने जब नई मां को ब्रश करने और नहाने से मना किया गया, तो वह भड़क गईं। उन्होंने कहा कि मां बनने के बाद हाइजीन बनाए रखना बेहद जरूरी है। न तो दांत कमजोर होते हैं और न ही शरीर। मां बनने के बाद जो भी हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, उनका असर सिर्फ यूट्रस पर पड़ता है। आइए जानते हैं कि डॉ. शेफाली दाधी ने इस बारे में क्या सलाह दी।
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डिलीवरी के बाद होने वाले हार्मोनल बदलाव सीधे तौर पर मसल्स और हड्डियों को कमजोर नहीं करते, बल्कि इनका असर मुख्य रूप से यूट्रस यानी गर्भाशय पर पड़ता है। मसल्स ढीले लगना या शरीर में कमजोरी महसूस होना ज्यादातर थकान, नींद की कमी और पोषण की कमी के कारण होता है। हड्डियों में दर्द भी हार्मोन के कारण नहीं, बल्कि कैल्शियम की कमी या स्तनपान के दौरान शरीर से अधिक कैल्शियम उपयोग होने की वजह से महसूस हो सकता है। सही डाइट, पर्याप्त आराम और हल्की एक्सरसाइज से यह कमजोरी कुछ ही समय में ठीक हो जाती है।
पोस्टपार्टम रिकवरी में आमतौर पर 6 से 8 सप्ताह लगते हैं, लेकिन हर महिला का शरीर अलग होता है, इसलिए यह अवधि व्यक्ति-विशेष पर निर्भर करती है। नॉर्मल डिलीवरी में ज्यादातर महिलाएं कुछ हफ्तों में बेहतर महसूस करने लगती हैं, जबकि सी-सेक्शन में रिकवरी थोड़ा अधिक समय ले सकती है क्योंकि इसमें सर्जरी शामिल होती है। हार्मोनल बदलाव, नींद की कमी, स्तनपान, शरीर की पोषण स्थिति और मानसिक स्वास्थ्य ये सभी रिकवरी की स्पीड को प्रभावित करते हैं।
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